लव जेहाद की जांच
देश की शीर्ष अदालत ने केरल के लव जेहाद मामले को देश की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मामला मानते हुए इसकी विस्तृत जांच की जिम्मेदारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी है.
लव जेहाद की जांच |
एनआईए ने इस मामले में दो महत्त्वपूर्ण दावे किए.
पहला, यह मामला अपनी तरह का अकेला नहीं लगता और दूसरे इस तरह के मामले का एक पैटर्न है. इन दोनों महत्त्वपूर्ण दावों को देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ मानते हुए शीर्ष अदालत ने इसकी जांच एनआईए को सौंपी है.
एनआईए इस बात की जांच करेगी कि इन मामलों में आईएस जैसे खूंखार आतंकवादी संगठन का हाथ है या नहीं. जांच की निष्पक्षता पर कोई सवाल खड़ा न हो, इसलिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश आर.वी. रवीन्द्रन की देखरेख में यह जांच होगी.
यह मामला केरल की एक चौबीस साल की हिन्दू लड़की का है. इसने पिछले साल एक मुस्लिम लड़के से विवाह किया था. विवाह से पहले लड़की का धर्म परिवर्तन कराया गया था. विवाह के बाद लड़की के पिता की याचिका पर केरल उच्च न्यायालय ने इस विवाह को लव जेहाद का मामला मानते हुए रद्द कर दिया था.
इस अर्जी में यह आरोप लगाया गया था कि इस मामले में आईएस का हाथ है और अपने मिशन में इस्तेमाल करने के लिए लड़की का चुनाव किया गया है. केरल हाई कोर्ट के फैसले को मुस्लिम लड़के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. दरअसल, केरल उच्च न्यायालय के फैसले से यह साबित हो गया है कि लव जेहाद कोई थोथा शब्द नहीं है. यह सच है. भारत के अलावा, यूरोप के कुछ देशों में भी इस तरह की घटनाएं हुई हैं.
केरल के मुख्यमंत्री ओमान चांडी ने इस मामले में विधानसभा में एक रिपोर्ट भी पेश की है. यह पूरा मामला सिर्फ धर्म परिवर्तन तक सीमित नहीं है. यह आईएस का षड्यंत्र है, जिसमें मुस्लिम लड़कों के साथ हिन्दू लड़कियों को शिकार बनाया जा रहा है. केरल से मुस्लिम युवकों का सीरिया जाकर आईएस के मिशन में शामिल होने की खबरें आती रहती हैं.
इसका मतलब है कि केरल में आईएस का नेटवर्क मजबूत होता गया है. अब जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि सचाई क्या है? लेकिन इतना जरूर है कि इस मामले में शीर्ष अदालत ने एनआईए को जांच की जिम्मेदारी सौंप कर यह जांच एजेंसी तथ्यों का पता लगाने में सफल होती है तो देश का बहुत बड़ा भला होगा.
Tweet |