ICC ट्रॉफी नहीं जीतने पर मुझे असफल कप्तान माना गया : कोहली
भारत के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) का खिताब नहीं जीतने पर विशेषज्ञों और प्रशंसकों के एक वर्ग ने उन्हें ‘विफल’ कप्तान करार दिया।
आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीतने पर मुझे असफल कप्तान माना गया : कोहली |
कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम 2017 में चैंपियन्स ट्रॉफी, 2019 में विश्व कप, 2021 में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के अलावा 2021 में टी20 विश्व कप का खिताब जीतने में विफल रही थी। कोहली ने कहा कि इन सभी हार पर बात का बतंगड़ बनाया गया क्योंकि वह 2011 में विश्व कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली उस टीम का हिस्सा थे जिसके कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी थे।
कोहली से जब पूछा गया कि क्या टीम की अगुआई करते हुए क्या उन्हें कभी आईसीसी ट्रॉफी नहीं उठाने का मलाल है तो उन्होंने कहा, ‘देखिए आप टूर्नामेंट जीतने के लिए खेलते हैं। इससे काफी कुछ हुआ (कप्तान के रूप में आईसीसी ट्रॉफी नहीं उठाना)। मैंने 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी में कप्तानी की थी, मैंने 2019 विश्व कप टीम की कप्तानी की, मैंने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के पहले सत्र के फाइनल में भारत की कप्तानी की।’ कोहली ने ‘आरसीबी पोडकास्ट’ के दूसरे सत्र में कहा, ‘‘ इन तीनों आईसीसी टूर्नामेंटों के बाद हम पिछला (2021) टी20 विश्व कप हार गये। हम क्वालीफाई (नॉकआउट चरण) नहीं कर सके। हम 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचे, विश्व कप (2019) के सेमीफाइनल, (वि) टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचे और इसके बाद भी मुझे एक असफल कप्तान माना गया।’ इस पूर्व कप्तान ने कहा कि उन्हें टीम में ‘सांस्कृतिक परिवर्तन’ के लिए खुद पर गर्व है। उन्होंने कहा, ‘मैंने खुद को उस दृष्टिकोण से कभी नहीं आंका (आईसीसी टूर्नामेंट में हार)। एक टीम के रूप में हमने जो हासिल किया और मेरे लिए एक सांस्कृतिक बदलाव है। यह हमेशा गर्व की बात होने वाली है क्योंकि एक टूर्नामेंट एक निश्चित अवधि के लिए होता है। लेकिन एक संस्कृति लंबी अवधि की होती है और उसके लिए आपको निरंतरता की आवश्यकता होती है।’
कोहली ने कहा, ‘उसके (सांस्कृतिक परिवर्तन) लिए, आपको टूर्नामेंट जीतने की तुलना में अधिक जज्बे की आवश्यकता होती है। इसलिए, मैंने एक खिलाड़ी के रूप में (2011) विश्व कप जीता, मैंने एक खिलाड़ी के रूप में (2013) चैंपियंस ट्रॉफी जीती, मैं उस टीम का हिस्सा रहा जिसने पांच टेस्ट गदा जीते हैं।’ इस दिग्गज बल्लेबाज ने कहा, ‘अगर आप आप इसे उस दृष्टिकोण से देखते हैं, तो ऐसे खिलाड़ी भी रहे हैं जिन्होंने कभी विश्व कप नहीं जीता है। मेरे पास जो कुछ भी है उसके लिए मैं हमेशा आभारी हूं।’ उन्होंने सचिन तेंदुलकर के साथ तुलना करते हुए कहा कि इस महान खिलाड़ी ने अपने छठे प्रयास में विश्व कप जीता था, जबकि वह उस टीम का हिस्सा थे जिसने विश्व कप को उनकी पहली मौजूदगी में ही जीता था। कोहली ने कहा, ‘अगर मैं गलत नहीं हूं तो सचिन तेंदुलकर अपना छठा विश्व कप खेल रहे थे, और वह वही था जो उन्होंने जीता था। मैं पहली बार टीम का हिस्सा बनने में सक्षम था और मैं एक विजेता टीम का हिस्सा बन गया।’ इस पूर्व कप्तान ने कहा, ‘ऐसे में अगर आप मेरे करियर में खामियां ढूंढेंगे तो ऐसा करना बहुत आसान है।’
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