IPL 2021 : चेन्नई चौथे और केकेआर तीसरे खिताब के लिए लगाएगा जोर

Last Updated 15 Oct 2021 02:43:16 AM IST

महेंद्र सिंह धोनी की करिश्माई कप्तानी चेन्नई सुपर किंग्स का रक्षा कवच साबित होगी जब शुक्रवार को आईपीएल के खिताबी मुकाबले में उसका सामना स्पिन तिकड़ी के दम पर फाइनल में पहुंची कोलकाता नाइट राइडर्स से होगा।


केकेआर के कप्तान इयोन मोर्गन और सीएसके के कप्तान एमएस धोनी। फाइल फोटो

दुनिया भर के क्रिकेटप्रेमियों को दशहरे के दिन ‘कैप्टन कूल’ की आतिशी पारी का भी इंतजार रहेगा जो पीली जर्सी में शायद आखिरी बार देखने को मिले।

आंकड़ों की बात करे तो चेन्नई 12 सत्रों में नौ बार फाइनल में पहुंची है चूंकि दो सत्रों में वह लीग से बाहर थी। चेन्नई ने तीन खिताब जीते और पांच बार फाइनल में हारी जबकि केकेआर ने दोनों खिताब गौतम गंभीर की कप्तानी में जीते हैं। फाइनल तक पहुंचने की कला चेन्नई से बेहतर कोई टीम नहीं जानती है। दूसरी ओर केकेआर ने 2012 में आखिरी खिताब जीता था जब दो गेंद बाकी रहते 190 रन का लक्ष्य हासिल किया था ।

चेन्नई के लिए चौथा खिताब जीतने की संभावना इस बात पर निर्भर करती है कि वह केकेआर की स्पिन तिकड़ी वरुण चक्रवर्ती, शाकिब अल हसन और सुनील नरेन का सामना कैसे करते हैं। तीनों ने टूर्नामेंट में सात से कम की औसत से प्रति ओवर रन दिए हैं। आंद्रे रसेल के हैमस्ट्रिंग चोट के कारण बाहर होने से शाकिब का हरफनमौला प्रदर्शन केकेआर को संतुलन देता आया है। वैसे फाइनल मैच के अपने दबाव होते हैं और सामने धोनी जैसा कप्तान हो तो इन तीनों के लिए इस प्रदर्शन को दोहरा पाना आसान नहीं होगा।

धोनी का सरल मंत्र है कि अनुभव पर भरोसा करो। उन्होंने रुतुराज गायकवाड़ का मार्गदर्शन किया जब 2020 में क्वालीफिकेशन का दबाव उन पर नहीं था। रुतुराज इस सत्र में तीन अर्धशतक समेत 600 से ज्यादा रन बना चुके हैं। धोनी ने अपनी नेतृत्व क्षमता के दम पर अगले साल ही नहीं बल्कि आने वाले कई सालों तक के लिए टीम की नींव मजबूत कर दी है। रुतुराज अगर चेन्नई के अगले कप्तान बनते हैं तो इसमें कोई हैरानी नहीं होगी चूंकि धोनी अगले साल या उसके बाद आईपीएल को अलविदा कहने का ऐलान कर सकते हैं।

आईपीएल को धोनी से बेहतर कोई नहीं समझ सकता। यही वजह है कि उनकी टीम लगातार अच्छा प्रदर्शन करती आई है। पिछले साल लीग चरण से बाहर होने वाली पहली टीम बनी चेन्नई यादगार वापसी करके इस बार फाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम बनी। चेन्नई के पास अनुभव की कमी नहीं है। धोनी 40 पार कर चुके हैं जबकि ड्वेन ब्रावो 38 , फाफ डु प्लेसी 37, अंबाति रायुडू और रोबिन उथप्पा 36 वर्ष के हैं। मोईन अली और रविंद्र जडेजा भी 30 पार हैं। अपने संसाधनों का सही प्रयोग करने की कला में धोनी को महारत हासिल है। इस सत्र में सभी ने देखा कि धोनी के चहेते और आईपीएल के लीजैंड सुरेश रैना को भी टीम से बाहर बैठना पड़ा। बढ़े हुए वजन और खराब फॉर्म से जूझ रहे रैना की जगह उथप्पा ने ली और दिल्ली के खिलाफ टीम की जीत के सूत्रधार रहे।

दूसरी ओर केकेआर के पास विश्व कप विजेता कप्तान है जिसने सीमित ओवरों के क्रिकेट में इंग्लैंड टीम का कायाकल्प किया है। कइयों का मानना था कि मोर्गन की जगह रसेल को कप्तानी सौंपनी चाहिए लेकिन मोर्गन पर टीम प्रबंधन ने भरोसा किया। उन्होंने शुभमन गिल से ही पारी की शुरुआत कराना जारी रखा और आखिर गिल के बल्ले से रन निकले। वेंकटेश अय्यर पर किए गए भरोसे का भी टीम को फायदा मिला है। मोर्गन भी धोनी की तरह जज्बात जाहिर नहीं करते लिहाजा ऐसे में दोनों कप्तानों की क्रिकेट की समझ का भी यह मुकाबला होगा।

कोलकाता की बल्लेबाजी उसके युवा ओपनरों वेंकटेश अय्यर और शुभमन गिल पर निर्भर करेगी जिन्होंने दूसरे क्वालीफायर में ओपनिंग साझेदारी में 96 रन जोड़े थे। अय्यर ने तो शानदार अर्धशतक बनाया था। आईपीएल का फाइनल दोनों कप्तानों की टक्कर का भी मुकाबला होगा।

भाषा
दुबई


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