पूर्व दिग्गजों ने आईसीसी के 'बाउंड्री गिनने वाले नियम' की आलोचना की
भारत के गौतम गंभीर समेत पूर्व क्रिकेटरों ने चौके छक्के गिनकर विश्व कप विजेता का निर्धारण करने वाले आईसीसी के ‘हास्यास्पद’ नियम की जमकर आलोचना की है।
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आईसीसी के 'बाउंड्री गिनने वाले नियम' की वजह से लाडर्स पर फाइनल में इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड को हराया। इंग्लैंड ने मैच में 22 चौके और दो छक्के लगाये जबकि न्यूजीलैंड ने 16 चौके लगाये।
गंभीर ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘समझ में नहीं आता कि वि कप फाइनल जैसे मैच के विजेता का निर्धारण चौकों छक्कों के आधार पर कैसे हो सकता है। हास्यास्पद नियम। यह टाई होना चाहिये था। मैं न्यूजीलैंड और इंग्लैंड दोनों को बधाई देता हूं।’’
Don't understand how the game of such proportions, the #CWC19Final, is finally decided on who scored the most boundaries. A ridiculous rule @ICC. Should have been a tie. I want to congratulate both @BLACKCAPS & @englandcricket on playing out a nail biting Final. Both winners imo.
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) July 14, 2019
विश्व कप 2011 के प्लेयर आफ द टूर्नामेंट रहे युवराज सिंह ने लिखा, ‘‘मैं नियम से सहमत नहीं हूं लेकिन नियम तो नियम है। इंग्लैंड को आखिरकार विश्व कप जीतने पर बधाई। मैं न्यूजीलैंड के लिये दुखी हूं जिसने अंत तक जुझारूपन नहीं छोड़ा। शानदार फाइनल।’’
I don’t agree with that rule ! But rules are rules congratulations to England on finally winning the World Cup , my heart goes out for the kiwis they fought till the end . Great game an epic final !!!! #CWC19Final
— yuvraj singh (@YUVSTRONG12) July 14, 2019
न्यूजीलैंड के पूर्व हरफनमौला स्काट स्टायिरस ने लिखा, ‘‘शानदार काम आईसीसी। आप एक लतीफा हो।’’
Nice work @ICC ... you are a joke!!!
— Scott Styris (@scottbstyris) July 14, 2019
आस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज डीन जोंस ने लिखा, ‘‘डकवर्थ लुईस प्रणाली रन और विकेट पर निर्भर है। इसके बावजूद फाइनल में सिर्फ चौकों छक्कों को आधार माना गया। मेरी राय में यह गलत है।’’
The DL system is actually based on runs and wickets lost... yet the Final result is only based on Boundaries hit? Not fair in my opinion. Must have been great to watch!
— Dean Jones (@ProfDeano) July 14, 2019
न्यूजीलैंड के पूर्व हरफनमौला डियोन नैश ने कहा, ‘‘मुझे लग रहा है कि हमारे साथ छल हुआ है। यह बकवास है। सिक्के की उछाल की तरह फैसला नहीं हो सकता। नियम हालांकि पहले से बने हुए हैं तो शिकायत का कोई फायदा नहीं।’’
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