India vs West Indies: कोहली का शतक, भारत ने वेस्टइंडीज को हराकर श्रृंखला 3-1 से जीती
कप्तान विराट कोहली के शतक से भारत ने पांचवें और अंतिम एकदिवसीय क्किेट मैच में यहां वेस्टइंडीज पर आठ विकेट की आसान जीत के साथ पांच मैचों की श्रृंखला 3-1 से जीत ली.
![]() भारत का सीरिज पर कब्जा |
टास हारकर बल्लेबाजी करने उतरे भारत ने वापसी कर रहे मोहम्मद शमी (48 रन पर चार विकेट) और उमेश यादव (53 रन पर तीन विकेट) की घातक गेंदबाजी से वेस्टइंडीज को नौ विकेट पर 205 रन ही बनाने दिये. चोट के बाद वापसी करते हुए शमी का यह दूसरा एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच है.
वेस्टइंडीज की ओर से शाई होप ने 98 गेंद में पांच चौकों की मदद से सर्वाधिक 51 रन बनाये जबकि उनके भाई काइल होप ने 46, कप्तान जेसन होल्डर ने 36 रन और रोवमैन पावेल ने 31 रन का योगदान दिया.
इसके जवाब में भारत ने कोहली (नाबाद 111) की सलामी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणो (51 गेंद में 39 रन) के साथ दूसरे विकेट की 79 और तीन साल से अधिक समय में दूसरा वनडे खेल रहे दिनेश कातर्कि (52 गेंद में नाबाद 50) के साथ तीसरे विकेट की 122 रन की अटूट साझेदारी की बदौलत 36.5 ओवर में दो विकेट पर 206 रन बनाकर जीत दर्ज की.
कोहली ने अपने 28वें एकदिवसीय शतक के दौरान 115 गेंद का सामना करते हुए 12 चौके और दो छक्के मारे.
भारत ने लक्ष्य का पीछा करते हुए अल्जारी जोसेफ के पहले ओवर की अंतिम गेंद पर शिखर धवन (04) का विकेट गंवाया लेकिन इसके बाद टीम इंडिया को लक्ष्य हासिल करने में कोई परेशानी नहीं हुई. धवन ने एविन लुईस को कैच थमाया.
कोहली और रहाणे ने भारत को शुरआती झटके से उबारा. कोहली ने शुरआत से ही आकमक रवैया अपनाया जबकि रहाणो ने उनका अच्छा साथ दिया.
रहाणो हालांकि दुर्भाग्यशाली रहे कि श्रृंखला में लगातारी पांचवीं बार 50 से अधिक का स्कोर बनाने में नाकाम रहे. देवेंद्र बिशू ने 19वें ओवर में उन्हें पगबाधा आउट किया. उन्होंने अपनी पारी के दौरान पांच चौके मारे.
कोहली ने अपनी पारी के दौरान कोई मौका नहीं दिया और दबदबा बनाए रखा. उन्होंने केसरिक विलियम्स पर चौके के साथ अपना 28वां शतक पूरा किया जो लक्ष्य का पीछा करते हुए रिकार्ड 18वां शतक है.
इससे पहले वेस्टइंडीज के कप्तान होल्डर ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. पिच बल्लेबाजी के लिये अनुकूल दिख रही थी तथा काइल और लुईस (नौ) ने पहले विकेट के लिये 39 रन जोड़कर टीम को सकारात्मक शुरआत दिलायी. कोहली ने शुरू में ही शमी और उमेश के छोर बदले.
लेकिन भारत को पहली सफलता पहले बदलाव के रूप में आये हार्दिक पंड्या (27 रन पर एक विकेट) ने दिलायी. लुईस को शुरू से ही शाट लगाने में दिक्कत आ रही थी और ऐसे में वह पंड्या पर ढीला शाट खेल गये जो आसान कैच के रूप में मिड आफ पर कोहली के पास पहुंच गया.
काइल और शाई जब सहजता से कैरेबियाई पारी को आगे बढ़ा रहे थे तब उमेश ने लगातार गेंदों पर दो विकेट लेकर उसे झकझोर दिया. उन्होंने काइल को अर्धशतक पूरा नहीं करने दिया. गेंद में कुछ खास नहीं था लेकिन काइल उसे सही तरह से पुल नहीं कर पाये और मिडविकेट पर खड़े धवन को कैच दे बैठे. काइल ने अपनी 50 गेंद की पारी में नौ चौके लगाये.
उमेश की अगली गेंद हालांकि खास थी. उनकी इनस्विंग को नये बल्लेबाज रोस्टन चेज नहीं समझ पाये और पगबाधा की जोरदार अपील पर अंपायर ने उन्हें आउट दे दिया. चेज ने रेफरल का सहारा लिया लेकिन रीप्ले से साफ हो गया कि गेंद सीधे लेग स्टंप पर लग रही थी. इस तरह से वेस्टइंडीज का स्कोर तीन विकेट पर 76 रन हो गया.
नये बल्लेबाज जेसन मोहम्मद को भारतीय स्पिनरों को खेलने में दिक्कत हो रही थी. रविंद्र जडेजा और कुलदीप यादव के अलावा कामचलाउ आफ स्पिनर केदार जाधव (13 रन पर एक विकेट) ने बीच के ओवरों में बल्लेबाजों पर अंकुश लगाया. जाधव ने मोहम्मद को वापस कैच देने के लिये मजबूर किया जिन्होंने 39 गेंदों का सामना करके 16 रन बनाये. जाधव को जल्द ही कप्तान होल्डर का विकेट भी मिल जाता लेकिन महेंद्र सिंह धोनी ने विकेट के पीछे उनका मुश्किल कैच छोड़ दिया.
होल्डर के आने के बाद स्कोर बोर्ड ने कुछ गति पकड़ी. उनका पंड्या पर डीप मिडविकेट पर लगाया गया पारी का पहला छक्का दर्शनीय था. होल्डर जब हावी होकर खेल रहे थे तब कोहली ने शमी को गेंद थमायी. कैरेबियाई कप्तान ने फिर से हवा में शाट खेला लेकिन इस बार धवन ने लंबी दौड़ लगाकर उसे कैच में बदल दिया. यह शमी का वि कप 2015 के बाद वनडे में पहला विकेट था.
इस बीच शाई ने 94 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया. शमी ने अपने अगले ओवर में उनकी लंबी और संघषर्पूर्ण पारी का अंत किया. शाई उनकी तेजी से उठती गेंद पर सही तरह से पुल नहीं कर पाये और रहाणो ने डीप स्क्वायर लेग से दौड़ लगाकर आगे डाइव लगाकर उसे बड़ी खूबसूरती से कैच में बदला.
शमी ने एश्ले नर्स को आउट करके लगातार तीसरे ओवर में तीसरा विकेट लिया. धोनी ने कुलदीप की गेंद पर देवेंद्र बिशू (छह) को जीवनदान दिया लेकिन शमी उन्हें पवेलियन भेजने में सफल रहे.
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