राजस्व में बीसीसीआई का हिस्सा आईसीसी ने किया आधा लेकिन अभी भी दूसरों से अधिक

Last Updated 27 Apr 2017 01:11:01 PM IST

आईसीसी के राजस्व में अपने हिस्से में जबर्दस्त कटौती के बावजूद बीसीसीआई को नये राजस्व माडल में सबसे बड़ा हिस्सा मिलेगा जिसके तहत आठ साल में बीसीसीआई को 29 करोड़ 30 लाख डालर मिलेंगे.


फाइल फोटो

नये माडल का विरोध कर रहे बीसीसीआई को बुधवार को पराजय झेलनी पड़ी जब नौ सदस्यों ने उसके खिलाफ मतदान किया. भारत को पिछले साल तक आईसीसी के राजस्व में से 57 करोड़ डालर मिल रहा था.
     
बोर्ड ने आईसीसी चेयरमैन शशांक मनोहर की 10 करोड़ डालर अतिरिक्त लेने की पेशकश भी ठुकरा दी थी.
    
आईसीसी ने एक बयान में कहा, ‘मौजूदा अनुमानित राजस्व और लागत के आधार पर बीसीसीआई को 29 करोड़ 30 लाख डालर अगले आठ साल में मिलेंगे. ईसीबी को 14 करोड़ 30
लाख डालर, जिम्बाब्वे को नौ करोड़ 40 लाख डालर और बाकी सात सदस्यों में से प्रत्येक को 13 करोड़ 20 लाख डालर दिये जायेंगे.’
     
इसमें कहा गया, ‘सहयोगी सदस्यों को 28 करोड़ डालर का फंड मिलेगा. इस माडल के पक्ष में 13 और विरोध में एक वोट गिरा.’
     
यह फैसला आईसीसी की बोर्ड और समिति की पांच दिवसीय बैठक के आखिर में कल लिया गया.


 
राजस्व माडल के अलावा एक नया संविधान बनाने पर समझौता भी आईसीसी की पूर्ण परिषद के सामने रखने पर सहमति बनी. इसमें भी भारत को ‘बिग थ्री ’ ढांचे को लेकर पराजय
झेलनी पड़ी.
    
एक संशोधित संविधान को दो के मुकाबले 12 वोट से मंजूरी मिली. अब इसे जून में आईसीसी की पूर्ण परिषद के सामने रखा जायेगा.
     
आईसीसी ने कहा, ‘संकिवधान अच्छे प्रशासन और अंतरराष्ट्रीय क्रि केट में नेतृत्व प्रदान करने के आईसीसी के लक्ष्य को परिभाषित करता है.’
    
इसमें अतिरिक्त पूर्ण सदस्यों को भविष्य में सदस्यता देने जैसे प्रावधान भी शामिल किये जा सकते हैं. इसके अलावा व्यक्तिगत महिला निदेशक और बोर्ड के उपाध्यक्ष की नियुक्ति को
भी मंजूरी दी गई.

 

भाषा


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