प्रीति की टीम को राहत
बॉम्बे हाईकोर्ट से प्रीति जिंटा की टीम किंग्स एलेवन को राहत मिली है.
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भारतीय क्रिकेट बोर्ड को बुधवार को एक और करारा झटका लगा जब बंबर्इ हाईकोर्ट की खंडपीठ ने अपनी एकल पीठ न्यायमूर्ति एस एफ वाजिफदार के इंडियन प्रीमियर लीग की फ्रेंचाइजी किंग्स इलेवन पंजाब का करार समाप्त करने पर रोक लगाने का फैसला सुरक्षित रखा.
न्यायाधीश डी वार्इ चंद्रचूड़ और न्यायाधीश अनूप मोहता की दो सदस्यीय खडपीठ ने कहा कि बीसीसीआर्इ द्वारा प्रीति जिंटा के सह स्वामित्व वाली फ्रेंचाइजी को समाप्त करने के लिये जारी किया गया पत्र गलत और त्रुटिपूर्ण था.
अदालत ने कहा कि यह पूरी तरह से साफ है कि बीसीसीआर्इ उस आधार पर अनुबंध समाप्त करना चाहती थी जो तथ्यात्मक रूप से गलत था.करार समाप्त करना उसका अधिकार है लेकिन इस मामले यह पूरी तरह से मनमाना था.
इस आदेश का मतलब है कि मोहाली फ्रेंचाइजी आठ और नौ जनवरी को होने वाली बीसीसीआर्इ की खिलाड़ियों की नीलामी प्रक्रिया में भाग ले सकती है.
खंडपीठ ने एकल पीठ के फैसले के समर्थन में सात हालातों का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा किंग्स इलेवन के सदस्यों का फ्रेंचाइजी पर पूरी तरह से नियंत्रण था. न तो डाबर न ही विंडी इन्वेस्टमेंट का फ्रेंचाइजी पर शत प्रतिशत नियंत्रण था और ये कंपनियां मोहित बर्मन की थी.
साझेदारी के पैटर्न में कोर्इ बदलाव नहीं था.फ्रेंचाइजी का स्वामित्व रखने वाली प्रीति जिंटा, नेस वाडिया और मोहित वर्मन भी इस मौके पर उपस्थित थे और उन्होंने इस फैसले पर खुशी जाहिर की.
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