Sexual harassment case : पहलवानों ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा, हमारे मन की बात सुनो

Last Updated 27 Apr 2023 06:55:33 AM IST

प्रदर्शनकारी पहलवानों ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से पूछा कि ‘आप हमारे मन की बात क्यों नहीं सुन रहे हैं ?’ और उनकी पार्टी के सांसद तथा भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh accused of sexual harassment) पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर चर्चा के लिए उनसे समय मांगा।


प्रदर्शनकारी पहलवानों ने PM मोदी से कहा, हमारे मन की बात सुनो

विभिन्न किसान संगठन, खाप नेता, राजनेता और महिला संगठन भी पिछले तीन दिन में पहलवानों के समर्थन में धरना स्थल पर पहुंचे हैं। जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) भी धरना स्थल पर पहुंचे और कहा कि यह शर्मनाक है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कामयाबी पाने के लिए सम्मानित खिलाड़ियों को न्याय की लड़ाई सड़कों पर लड़नी पड़ रही है।

पहलवानों ने बुधवार को कहा कि कि वे हैरान हैं कि जब वे पदक जीतते हैं तो प्रधानमंत्री मोदी उनका सम्मान करते हैं और उनके साथ तस्वीरें ¨खचवाते हैं लेकिन अब जब वे न्याय मांग रहे हैं तो उन्होंने उनकी दुर्दशा पर आंखें मूंद ली हैं। रियो ओलंपिक खेलों की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने मीडिया से कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी जी ‘बेटी बचाओ’ और ‘बेटी पढाओ’ के बारे में बात करते हैं और सबके ‘मन की बात’ सुनते हैं। क्या वे हमारे ‘मन की बात’ (Mann ki Baat)नहीं सुन सकते? जब हम पदक जीतते हैं तो वह हमें अपने घर आमंत्रित करते हैं और हमें बहुत सम्मान देते हैं और हमें अपनी बेटियां कहते हैं। आज हम उनसे अपील करते हैं कि वह हमारे ‘मन की बात’ सुनें।’

गौरतलब है कि साक्षी ने प्रधानमंत्री के लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के साथ तुलना की जिसके 100 कार्यक्रम पूरे हो रहे हैं और इस उपलब्धि को चिह्नित करने के लिए सरकार द्वारा कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। साक्षी ने कहा, ‘मैं स्मृति ईरानी (केंद्रीय मंत्री) से पूछना चाहती हूं कि वह अब चुप क्यों हैं? चार दिन हो गए हैं, हम सड़क पर सो रहे हैं।’ मैं सिर्फ इतना कहना चाहती हूं कि आप यहां आओ, हमारी बात सुनो और हमारा समर्थन करो।’

वि चैंपियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट ने कहा, ‘हमारे पास (संबंधित लोगों के टेलीफोन) नंबर तक नहीं हैं जिससे कि हम उन तक पहुंच सकें इसलिए हम मीडिया के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी से मुद्दों को उठाने की अपील कर रहे हैं। शायद तब वह हमारी पुकार सुनें। हमारी आत्मा लगभग मर चुकी है, शायद वह देख लें।’

टोक्यो खेलों के कांस्य पदक विजेता बजरंग ने भी प्रधानमंत्री से गुहार लगाई। उन्होंने कहा, ‘ये भारत की बेटियां आपसे अपील कर रही हैं, कृपया इनके साथ न्याय करें।’ बजरंग ने कहा, ‘अभ्यास के लिए हम कुश्ती मैट लाए थे लेकिन हमें अनुमति नहीं दी गई, यहां तक कि हम यहां अपना खाना भी नहीं बना सकते क्योंकि अनुमति नहीं है। अब क्या हमें सांस लेने के लिए भी अनुमति लेनी होगी।’

भाषा
नई दिल्ली


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