ट्रांसजेंडर एथलीटों पर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग लेने पर रोक लगी

Last Updated 25 Mar 2023 09:28:29 AM IST

एथलेटिक्स के वैश्विक शासी निकाय ने ट्रांसजेंडर एथलीटों को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने पर प्रतिबंधित लगा दिया है और अन्य एथलीटों के लिए टेस्टोस्टेरोन प्रतिबंधों को कड़ा कर दिया है।


ट्रांसजेंडर एथलीटों पर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग लेने पर रोक लगी

वर्ल्ड एथलेटिक्स के अध्यक्ष सेबेस्टियन कोए ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि महिलाओं की प्रतियोगिता में ट्रांसजेंडर एथलीट हिस्सा नहीं ले सकेंगे। किसी भी ट्रांसजेंडर एथलीट को 31 मार्च से महिला विश्व रैंकिंग प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

कोए ने कहा कि विश्व एथलेटिक्स ने ट्रांसजेंडर एथलीटों के मुद्ने के बारे में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति और राष्ट्रीय महासंघों समेत हितधारकों के साथ परामर्श किया गया था। जिसमें अधिकांश का मत था कि ट्रांसजेंडर एथलीटों को महिला वर्ग में प्रतिस्पर्धा नहीं करनी चाहिए।

विश्व एथलेटिक्स ने बयान में कहा कि यह स्पष्ट हो गया है कि हितधारकों को प्रस्तुत किए गए विकल्प के लिए थोड़ा समर्थन मिला था, जिसके लिए ट्रांसजेंडर एथलीटों को 24 महीने के लिए महिला वर्ग में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के पात्र के लिए अपने टेस्टोस्टेरोन के स्तर को 2.5 एनएमओएल/एल (नैनोमोल प्रति लीटर रक्त) से नीचे बनाए रखने की जरूरत थी।
कोए ने कहा, ‘वर्तमान में एथलेटिक्स में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने वाले कोई ट्रांसजेंडर एथलीट नहीं हैं और इसके परिणामस्वरूप एथलेटिक्स में महिला टूर्नामेंट की निष्पक्षता पर इन एथलीटों के प्रभाव का कोई विशिष्ट प्रमाण नहीं है।’

उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों में परिषद ने समावेश से पहले महिला प्रतियोगिता की निष्पक्षता और अखंडता को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया। यौन विकास के अंतर (डीएसडी) वाले एथलीटों के लिए नए नियमों के तहत किसी भी घटना में महिला वर्ग में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा में शामिल होने के लिए कम से कम 24 महीने के लिए अपने टेस्टोस्टेरोन के स्तर को 2.5 एनएमओएल/एल की सीमा से कम करने की सख्त जरूरत होगी।

वार्ता
पेरिस


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