श्रीजेश साल का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी पुरस्कार जीतने वाले दूसरे भारतीय
भारत के अनुभवी हॉकी गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने 2021 में शानदार प्रदर्शन के लिए सोमवार को प्रतिष्ठित विश्व खेल साल का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी पुरस्कार जीता।
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वह यह पुरस्कार हासिल करने वाले सिर्फ सिर्फ दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं। इससे पहले 2020 में भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल 2019 में शानदार प्रदर्शन के लिए यह पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनी थी।
श्रीजेश ने स्पेन के स्पोर्ट क्लाइंबर अल्बटरे गिनेस लोपेज और इटली के वुशु खिलाड़ी माइकल गियोर्डानो को पछाड़कर यह पुरस्कार जीता। श्रीजेश ने बयान में कहा, ‘मैं यह पुरस्कार जीतकर काफी सम्मानित महसूस कर रहा हूं। सबसे पहले इस पुरस्कार के लिए मुझे नामित करने पर एफआईएच को धन्यवाद। दूसरा, दुनिया भर में भारतीय हॉकी प्रशंसकों को भी धन्यवाद जिन्होंने मुझे वोट दिया।’
भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान श्रीजेश टोक्यो ओलंपिक में एतिहासिक कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा भी थे। उन्होंने एक लाख 27 हजार 647 वोट मिले। लोपेज और गियोर्डानो को क्रमश: 67 हजार 428 और 52 हजार 46 वोट मिले। श्रीजेश इस पुरस्कार के लिए नामित होने वाले एकमात्र भारतीय थे। उनके नाम की सिफारिश अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) ने की थी। अक्टूबर में एफआईएच स्टार्स पुरस्कार में श्रीजेश को 2021 के लिए साल का सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर चुना गया था।
श्रीजेश ने कहा, ‘नामित होकर मैंने अपना काम कर दिया लेकिन बाकी काम प्रशंसकों और हॉकी प्रेमियों ने किया। इसलिए यह पुरस्कार उन्हें जाता है और मुझे लगता है कि मेरे से अधिक वे इस पुरस्कार के हकदार हैं।’ उन्होंने कहा, ‘यह भारतीय हॉकी के लिए भी बड़ा लम्हा है क्योंकि हॉकी समुदाय से जुड़े लोगों, दुनिया भर के हॉकी महासंघों ने मेरे लिए वोट किया इसलिए हॉकी परिवार का समर्थन पाकर काफी अच्छा लगा।’
श्रीजेश ने इस सम्मान को टीम के अपने साथियों और टीम को टोक्यो ओलंपिक में पदक तक पहुंचाने वाली पर्दे के पीछे से काम करने वाली सहयोगी प्रणाली को समर्पित किया। उन्होंने कहा, ‘मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो व्यक्तिगत पुरस्कारों पर विश्वास नहीं करता, विशेषकर जब आप टीम का हिस्सा हो। यह सिर्फ 33 खिलाड़ियों की टीम नहीं है बल्कि पर्दे के पीछे से भी काफी लोग जुड़े हुए हैं, कोचिंग स्टाफ है, सहयोगी स्टाफ है, हॉकी इंडिया जैसा शानदार संघ है जो काफी सहायता करता है।’
श्रीजेश ने 2006 में कोलंबो में दक्षिण एशियाई खेलों में सीनियर टीम की ओर से पदार्पण किया। वह 2011 में पाकिस्तान के खिलाफ चीन के ओडरेस शहर में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में दो पेनल्टी स्ट्रोक बचाने के बाद से टीम के नियमित सदस्य हैं। श्रीजेश ने 2012 लंदन ओलंपिक और 2014 विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
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