टोक्यो ओलंपिक में मीराबाई चानू ने भारत को दिलाया पहला मेडल, वेटलिफ्टिंग में जीता सिल्वर; मोदी ने दी बधाई

Last Updated 24 Jul 2021 12:14:20 PM IST

टोक्यो ओलंपिक के पहले ही दिन भारत मेडल लिस्ट में अपना खाता खोलने में कामयाब हो गया है। मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में महिला 49 किलोग्राम वर्ग में सिल्वर मे​डल जीतकर इतिहास रच दिया है।


मीराबाई चानू ने भारत को दिलाया पहला मेडल, जीता सिल्वर

मीराबाई चानू ने ओलंपिक खेलों की भारोत्तोलन स्पर्धा में पदक का भारत का 21 साल का इंतजार खत्म किया और 49 किग्रास्पर्धा में रजत पदक जीतकर तोक्यो ओलंपिक में देश का खाता भी खोला। चानू ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली भारत की पहली भारोत्तोलक बन गयी है।          

मीराबाई चानू की उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है।

26 साल की भारोत्तोलक ने कुल 202 किग्रा (87 किग्रा, 115 किग्रा) से कर्णम मल्लेश्वरी के 2000 सिडनी ओलंपिक में कांस्य पदक से बेहतर प्रदर्शन किया। इससे उन्होंने 2016 में रियो ओलंपिक के खराब प्रदर्शन को भी पीछे छोड़ दिया जिसमें वह एक भी वैध वजन नहीं उठा सकीं थीं।      

चीन की होऊ जिहुई ने 210 किग्रा(94 किग्रा, 116 किग्रा) के प्रयास से स्वर्ण पदक जीता जबकि इंडोनेशिया की ऐसाह विंडी कांटिका ने 194 किग्रा(84 किग्रा, 110 किग्रा) के प्रयास से कांस्य पदक अपने नाम किया।      



स्नैच को चानू की कमजोरी माना जा रहा था, लेकिन उन्होंने पहले ही स्नैच प्रयास में 84 किग्रावजन उठाया। मणिपुर इस भारोत्तोलक ने समय लेकर वजन उठाया। उन्होंने अगले प्रयास में 87 किग्रा वजन उठाया और फिर इसे बढाकर 89 किग्राकर दिया जो उनके व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 88 किग्रासे एक किग्रा ज्यादा था जो उन्होंने पिछले साल राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में बनाया था।      

हालांकि वह स्नैच में अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को बेहतर नहीं कर सकीं और स्नैच में उन्होंने 87 किग्राका वजन उठाया और वह जिहुई से ही इसमें पीछे रहीं जिन्होंने 94 किग्रासे नया ओलंपिक रिकार्ड बनाया।      

चीन की भारोत्तोलक का इसमें विश्व रिकार्ड (96 किग्रा) भी है।      

क्लीन एवं जर्क में चानू के नाम विश्व रिकार्ड है, उन्होंने पहले दो प्रयासों में 110 किग्रा और 115 किग्रा का वजन उठाया।      

हालांकि वह अपने अंतिम प्रयास में 117 किग्राका वजन उठाने में असफल रहीं लेकिन यह उन्हें पदक दिलाने और भारत का खाता खोलने के लिये काफी था। पदक जीतकर वह रो पड़ीं और खुशी में उन्होंने अपने कोच को गले लगाया। बाद में उन्होंने ऐतिहासिक पोडियम स्थान हासिल करने का जश्न पंजाबी भांगड़ा करके मनाया।      

इस उपलब्धि से खुश उनकी खुशी मास्क से भी छुप नहीं रही थी जो पदक समारोह के दौरान और बढ गई।    

खेलों के लिये बनाये गये कोविड-19 प्रोटोकॉल में पदक विजेताओं को सामाजिक दूरी बनाये रखनी थी और वे ग्रुप फोटोग्राफ के लिये एक साथ नहीं हो सके। लेकिन तीनों पदकधारियों ने एक दूसरे को बधाई दी और फोटो भी खिंचवाई लेकिन एक अधिकारी ने उन्हें अलग होने के लिये कह दिया।     

इस भारतीय ने अंतरराष्ट्रीय एरीना में हर जगह खुद को साबित किया, बस इसमें ओलंपिक पदक की कमी थी जो अब पूरी हो गयी।  वह विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण, राष्ट्रमंडल खेलों में (2014 में रजत और 2018 में स्वर्ण) दो पदक और एशियाई चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीत चुकी हैं।

टोक्यो ओलंपिक में भारोत्तोलक मीराबाई चानू के रजत पदक जीतने की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत उनके शानदार प्रदर्शन से उत्साहित है और खेलों की इस बड़ी स्पर्धा का इससे अच्छा आगाज नहीं हो सकता था।

मोदी ने ‘चीयर4इंडिया’ हैशटैग के साथ ट्वीट किया, ‘‘तोक्यो 2020 की इससे अच्छी शुरुआत नहीं हो सकती थी। भारत मीराबाई चानू के शानदार प्रदर्शन से उत्साहित है। भारोत्तोलन में रजत पदक जीतने के लिए उन्हें बधाई। उनकी सफलता हर भारतीय को प्रेरित करती है।’’

 

चानू ने क्लीन एवं जर्क में 115 किग्रा और स्नैच में 87 किग्रासे कुल 202 किग्रावजन उठाकर रजत पदक अपने नाम किया। इससे पहले कर्णम मल्लेश्वरी ने सिडनी ओलंपिक 2000 में देश को भारोत्तोलन में कांस्य पदक दिलाया था।      

चीन की होऊ झिऊई ने कुल 210 किग्रा(स्नैच में 94 किग्रा, क्लीन एवं जर्क में 116 किग्रा) से स्वर्ण पदक अपने नाम किया।      

इंडोनेशिया की ऐसाह विंडी कांटिका ने कुल 194 किग्राका वजन उठाकर कांस्य पदक हासिल किया। 

 

भाषा
नई दिल्ली


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