मैरीकॉम सहित चार भारतीय मुक्केबाजों के पदक पक्के
पांच बार की विश्व चैंपियन मैरीकॉम (48 किग्रा) ने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में चीन की यू वु पर 5-0 (30-27, 29-28, 30-27, 29-28, 30-27) से शानदार जीत से दर्ज की।
नई दिल्ली : भारत की मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम चीन की यू वु मुक्केबाज पर जोरदार प्रहार करती हुई।। फोटो : प्रेट्र |
अपने छठे विश्व खिताब की कवायद में जुटी भारत की स्टार मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम, लवलीना बोरगोहेन, सोनिया और सिमरनजीत कौर ने दसवीं एआईबीए महिला विश्व चैंपियनिशप के सेमीफाइनल में पहुंचकर अपने पदक पक्के कर लिए। वहीं युवा मुक्केबाज मनीषा मौन, भाग्यवती कचारी, ¨पकी रानी और सीमा पूनिया को हार के साथ टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा।
पांच बार की विश्व चैंपियन मैरीकॉम (48 किग्रा) ने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में चीन की यू वु पर 5-0 (30-27, 29-28, 30-27, 29-28, 30-27) से शानदार जीत से दर्ज की। अब मैरीकॉम उत्तर कोरिया की हयांग मि किम से भिड़ेंगी जिसे उन्होंने पिछले साल एशियाई चैंपियनशिप के फाइनल में हराया था। वहीं लवलीना (69 किग्रा) ने अपने तेज तर्रार मुक्कों से आस्ट्रेलिया की काये फ्रांसेस स्कॉट को 5-0 (30-27, 29-28, 30-27,30-27,30-27) से हराकर अंतिम चार में स्थान बनाया। जहां बृहस्पतिवार को उनका मुकाबला चीनी ताइपे की चेन निएन चिन से होगा।
सोनिया (57 किग्रा) ने कोलंबिया की येनी केस्टेनाडा को 4-1 (30-27, 30-27, 30-27, 28-29 30-27) से हरा कर सेमीफाइनल में जगह बनाई और पदक पक्का किया। अब सोनिया का सेमीफाइनल में उत्तर कोरिया की सोन हवा जो से मुकाबला होगा। सिमरनजीत कौर (64 किग्रा) ने आयरलैंड की एमी सारा ब्राडहस्र्ट को 3-1 से हराया।
पांच बार की चैंपियन मैरीकॉम ने मुकाबले के बाद कहा, ‘यह काफी कठिन भी नहीं थी और आसान भी नहीं थी। मैं रिंग में ध्यान भटकने नहीं होने देती, जिससे फायदा मिलता है। मैं उसे देखकर उसके खिलाफ खेल रही थी। चीन की मुक्केबाज काफी मजबूत हैं, लेकिन उसके खिलाफ यह मेरा पहला मुकाबला था।’ अगले मुकाबले के बारे में मैरीकॉम ने कहा, ‘अब मैं पदक दौर में प्रवेश कर चुकी हूं। एशियाई चैंपियनशिप में मैंने हयांग मि किम को हराया था। अभी सेमीफाइनल में लड़ना है, अति आत्मविश्वास से नहीं खेलना। उसकी वीडियो का आकलन किया था, उसी के हिसाब से खेलूंगी।’
भारत की मनीषा मौना को 2016 विश्व चैंपियनिशप की रजत पदक विजेता स्टोयका पैट्रोवा से 4-1 (30-27, 29-28, 30-27, 27-30, 30-27) से जबकि भाग्यवती काचरी को कोलंबिया की जेसिका पीसी सिनिस्टरा 3-2 (29-28, 29-28, 27-30, 29-28, 28-29) से हार का सामना करना पड़ा। ¨पकी रानी को 51 फ्लाईवेट वर्ग में उत्तर कोरिया की चोल मि ¨पग से 0-5 (27-30, 27-30, 27-30, 27-30, 27-30) से हार का सामना करना पड़ा। सीमा पूनिया (81 किग्रासे अधिक) को मौजूदा दो बार की विश्व चैंपियन चीन की यांग जियोली से 5-0 से हार झेलनी पड़ी।
पदक पक्का कर चुकी एक अन्य भारतीय मुक्केबाज लवलीना ने कहा, ‘जो रणनीति बनाई थी, वैसा ही किया। खुश हूं, लेकिन मुझे स्वर्ण पदक जीतना है। ताइपे के खिलाफ मेरी सेमीफाइनल बाउट है, उसके हिसाब से रणनीति बनानी होंगी। मैं उससे पहले खेल चुकी हूं, लेकिन मैं हार गई थी। तब मैंन शुरुआत की थी और इतनी अच्छी नहीं थी।’ मनीषा मौन को बुल्गारिया की मुक्केबाज ने शुरू से दबाव में रखा और कुछ बेहतरीन पंच से उन्हें कोई मौका नहीं दिया।
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