एक ही तरह के तत्वों से बने है पृथ्वी और चंद्रमा
चंद्रमा के साथ-साथ पृथ्वी और कुछ उल्कापिंड ऐसे तत्वों से बने हैं जिनके आइसोटॉपिक (समरूपता के) गुण लगभग एकसमान थे.
(फाइल फोटो) |
आइसोटॉप ऐसे अणु या तत्व को कहते हैं जिनमें प्रोटोन की संख्या एकसमान होती हैं लेकिन न्यूट्रॉन की संख्या अलग-अलग होती है. एक नये शोध में कहा गया है कि अधिकतर वैज्ञानिक मॉडल इस तर्क पर आधारित है कि पृथ्वी का निर्माण मंगल ग्रह के आकार के पिंडों के वर्गीकरण से धीरे-धीरे हुआ.
इन पिंडों की आइसोटॉपिक गुणों की एक विशाल श्रृंखला थी. यह शोध नेचर पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.
अमेरिका के शिकागो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर निकोलस डाउफास ने कहा, ‘पृथ्वी एकसमान आइसोटॉप वाले जलाशय से बनी है. रंग के संदर्भ में आप कह सकते हैं कि यह हरी, नीली, लाल नहीं बल्कि हरी, हरी, हरी है’.
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कुछ तत्वों के आंकड़ों का विश्लेषण कर डाउफास ने पृथ्वी को बनाने वाले आइसोटॉपिक प्रकृति के तत्व का पता लगाया. तत्वों में असंगतियों ने ग्रहों और उनके खण्ड समूहों के बीच ‘आनुवंशिक संबंधों’ को स्थापित करने में मददगार पृथ्वी के निर्माण की प्रक्रिया को फिर से उत्पन्न करने में अहम सुराग दिये.
शोध में पता चला कि पृथ्वी के पहले 60 फीसद का आधा हिस्सा एक दुर्लभ एनस्टेटाइट तत्व से बना है जो पृथ्वी पर आने से पहले ठोस पदार्थ में बदल जाते हैं. इसका नाम एक खनिज पदार्थ के नाम पर रखा गया है. इसके बाद शेष पृथ्वी का 100 फीसदी हिस्सा एनस्टेटाइट जैसे इम्पैक्टर्स से बना है.
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