मंगल पर जीवन मिलने की संभावना बढ़ी
मंगल की खाक छान रहे अमेरिकी रोवर यान क्यूरोसिटी से मिले नए आंकड़ों के मुताबिक इस लाल ग्रह की सतह के नीचे पानी हो सकता है जिससे वहां जीवन मिलने की संभावना बढ़ गयी है.
मंगल पर जीवन संभव (फाइल फोटो) |
विज्ञान पत्रिका ‘नेचर’ में प्रकाशित एक शोध में यह दावा किया गया है. वैज्ञानिक लंबे समय से मानते आए हैं कि मंगल पर बर्फ के रूप में पानी मौजूद है. शोध से जुड़े और कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के नील बोर संस्थान में मार्स ग्रुप के प्रमुख मोर्टन बो मैडसन ने बताया कि मंगल की मिट्टी में कैल्सियम परक्लोरेट में पाया गया है, जो वातावरण में मौजूद वाष्प को सोखता है.
उन्होंने बताया कि क्यूरोसिटी रोवर के मौसम निगरानी केंद्र के आंकड़ों से पता चला है कि मंगल में वाष्प की परिस्थितियां सर्दियों में रात को और सूर्योदय के तुरंत बाद रहती हैं. सतह से करीब डेढ़ मीटर की ऊंचाई और सतह पर आद्र्रता और तापमान की माप के आधार पर वाष्प सोखने की अनुमान लगाया गया है. रात के समय वातावरण में मौजूद कुछ जलवाष्प पाले के रूप में सतह पर जम जाता है.
कैल्सियम परक्लोरेट इसे सोख लेता है और इस तरह यह नमकीन पानी बन जाता है. इस तरह इसका हिमांक कम हो जाता है और पाला पानी में बदल जाता है.
श्री मैडसन ने बताया कि मंगल की मिट्टी भुरभुरी है और पानी आसानी से इसमें समा जाता है। मिट्टी में मौजूद दूसरे लवण भी पानी सोखकर तरल बन जाते हैं.
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