अनोखा है इन मेढकों के प्रजनन का तरीका, बांस के खोखले तने में देते हैं अंडे
लगभग एक सदी तक लुप्त समझे जाते रहे सफेद धब्बों वाले मेढक के प्रजनन का तरीका बहुत विशिष्ट है.
![]() (फाइल फोटो) |
ये मेढक बांस के खोखले तने में अंडे देने के बाद उन्हें सेते हैं. मेढक की इस प्रजाति का कुछ साल पहले दोबारा पता चला है.
निजी शोध संस्थान गुब्बी लैब्स ने बताया कि नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के पीएचडी छात्र शेषाद्रि के एस, उनके शोध सलाहकार डेविड बिकफोर्ड और सहयोगी बेंगलुरू स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान के गुरूराजा केवी ने पश्चिमी घाट में स्थित कलाकड मुंडनथुराई बाघ अभयारण्य में इस मेढक की अब तक अज्ञात रही इस प्रजनन संबंधी आदत का पता लगाया है.
नर मेढक छोटी खुली जगहों से बांस के खोखले तने में घुसते हैं और फिर मादा मेढक उनके पीछे वहां जाती हैं. मादा मेढक फिर वहां अंडे देती हैं और उन्हें सेती हैं. नर मेढक फिर अंडों और नवजात मेढकों के साथ वहीं रहते हैं और उनकी देखभाल करते हैं.
इन मेढकों (रैओरचेस्टेस कैलाजोडेस) का रंग हरा होता है और इनकी लंबाई तीन सेंटीमीटर से कम होती है. ये ‘वृक्ष मेढकों’ (रैकोफोरीडाई या रैओरचेस्टेस) के विविध समूह का हिस्सा हैं.
इन मेढकों को एक सदी तक विलुप्त माना जाता रहा था लेकिन कुछ साल पहले इस अभयारण्य में दोबारा इनकी खोज हुई. इस समय ये मेढक ‘लुप्तप्राय’ जीवों की श्रेणी में आते हैं.
Tweet![]() |