दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के भ्रष्टाचार को लेकर उत्तराखंड भाजपा में बबाल
उत्तराखंड भाजपा में बबाल हो गया है। दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के भ्रष्टाचार को लेकर बयान आने के बाद केंद्रीय नेतृत्व अपनी नाराजगी जतायी हैं, वहीं उत्तराखंड सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ सीबीआई की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे एक मामले में पीछे हटने का फैसला किया है।
![]() उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (फाइल फोटो) |
अब रावत को अपना केस निजी तौर पर लड़ना पड़ेगा।
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मीडिया में उत्तराखंड में भ्रष्टाचार को लेकर एक बयान था, लेकिन मीडिया ने बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया, जिसके कारण मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच मनमुटाव हो गया। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भी एक बयान दे दिया।
उसने भी आग में घी का काम किया। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने पार्टी मुख्यालय में अपना प्रतिनिधि भेजकर दोनों मुख्यमंत्रियों की शिकायत की वहीं त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिल्ली आकर कल भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलकर अपने इस बयान पर सफाई दी।
भाजपा के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने दिल्ली में प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम से मुलाकात की। गौतम ने उत्तराखंड में पार्टी नेताओं को कड़ा संदेश देते हुए उनसे अपनी शिकायतें पार्टी मंचों पर ही उठाने को कहा है।
सूत्रों के अनुसार उत्तराखंड में ‘कमीशन-खोरी’ जारी रहने का आरोप लगाकर सुर्खियों में रहने वाले भाजपा सांसद तीरथ सिंह रावत भी पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से मिलकर अपनी सफाई देने के लिए समय मांग है। तीरथंिसंह रावत का एक वीडियो रविवार को सामने आया जिसकी तारीख नहीं पता चली।
इसमें पूर्व मुख्यमंत्री को कहते सुना जा सकता है कि उत्तराखंड में बिना कमीशन दिये कोई काम नहीं हो सकता। उन्हें सोशल मीडिया पर सामने आये इस वीडियो में कहते सुना जा सकता है कि अविभाजित उत्तर प्रदेश में जो व्यवस्था थी, वह अलग राज्य बनने के बाद भी जारी है। वह कह रहे हैं, यह एक मानसिकता है। जब तक हम अपने राज्य को अपने परिवार की तरह नहीं देखेंगे, तब तक यह मानसिकता नहीं जाएगी।
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