पायलट बाबा ने किया आत्मसमर्पण, जेल भेजा
बृहस्पतिवार को विवादित आध्यात्मिक गुरु पायलट बाबा ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश के बाद जनपद की सीजेएम यानी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मुकेश कुमार की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया।
विवादित आध्यात्मिक गुरु पायलट बाबा (file photo) |
उन्हें अदालत के आदेश पर हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद उन्होंने इसी न्यायालय में जमानत का प्रार्थना पत्र दिया, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। इसके पश्चात उन्होंने जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेंद्र दत्त की अदालत में भी जमानत याचिका दाखिल की। यहां भी उन्हें निराशा हाथ लगी। अदालत ने रात्रि आठ बजे उनकी जमानत अर्जी खारिज करने की घोषणा की। उसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। जिला न्यायालय में पायलट बाबा की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता-फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने न्यायालय को बताया कि 25 नवंबर 2008 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार के राज्यमंत्री डा. हरीश पाल पुत्र मुरारी लाल निवासी गौजाजाली, हल्द्वानी ने ज्योलीकोट चौकी पुलिस में हिमांशु रॉय के खिलाफ तहरीर दी थी। तहरीर में आरोप लगाया गया था कि 13 जून 2008 को तल्ला गेठिया, ज्योलीकोट स्थित पायलट बाबा के मंदिर स्थित शिक्षण संस्था-आईकावा इंटरनेशनल एजुकेशन के संस्थापक व संचालक-हिमांशु राय, इशरत खान, उपाध्यक्ष जापानी नागरिक केको आईकावा व इनके सुप्रीमो कपिल अद्वैत उर्फ पायलट बाबा पुत्र चंद्रमा सिंह निवासी ग्राम सासाराम, बिहार, तत्कालीन निवासी पंचावटी अपार्टमेंट विकासपुरा नई दिल्ली व उनके सहयोगी इरफान खान, विजय यादव, पीसी भंडारी व मंगल गिरि ने ठगी के षडयंत्र के तहत उनसे 67,760 रुपये प्राप्त किये और इन रुपयों के एवज में कम्प्यूटर सेंटर के संचालन हेतु 50,500 रुपये प्रतिमाह की दर से देने का भरोसा दिलाया था और इस तरह उनके कुल तीन लाख 20 हजार 760 रुपये हड़प लिया और रुपये मांगने पर वे जान से मारने की धमकी देते थे।
इसके अलावा इनके द्वारा हल्द्वानी के नवाब हुसैन उर्फ बॉबी राज एवं अजरुनपुर हल्द्वानी के अनुराग माजिला, हीरानगर निवासी तबस्सुम अशरफ सहित 11 हजार व्यक्तियों के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप भी लगाये गये थे। मामले में अदालत से कई बार सम्मन जारी होने के बाद वे अदालत में पेश नहीं हुए। इधर उन्होंने उच्च न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल किया, जिस पर उच्च न्यायालय ने उनसे सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण करने एवं कोर्ट से उसी दिन उनकी जमानत अर्जी पर भी सुनवाई करने के आदेश दिये थे। इस पर ही आज उनके द्वारा आत्मसमर्पण किया गया।
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