उत्तराखंड में हर्षोल्लास से मनाया गया गणतंत्र दिवस

Last Updated 26 Jan 2017 03:03:44 PM IST

पूरे देश की तरह उत्तराखंड में भी आज गणतत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया जहां परेड ग्राउंड में हुए मुख्य समारोह में प्रदेश के राज्यपाल डॉ. कृष्ण कांत पाल ने ध्वजारोहण किया और परेड की सलामी ली.


(फाइल फोटो)

प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत, देहरादून के मेयर विनोद चमोली तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी में हुए इस समारोह में भारत तिब्बत सीमा पुलिस, सशस्त्र सीमा बल, होमगार्ड, पी.आर.डी के जवानों सहित एन.सी.सी ने मार्च पास्ट करते हुए राज्यपाल को सलामी दी. इस अवसर पर राज्य के लोक कलाकारों ने भी अपनी नृत्य कला का मनोहारी प्रदर्शन किया. 

पुलिस बैण्ड की देशभक्ति से संबंधित गीतों की जोशीली धुनों के बीच राज्यपाल ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कर्तव्यपरायण छह पुलिस कर्मियों को सम्मानित भी किया. समारोह में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने स्वतंत्रता सेनानियों और जनता से भेंट भी की.

इससे पहले, राज्यपाल ने राजभवन में ध्वजारोहण कर राष्ट्रीय सम्मान के प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी. इस मौके पर उन्होंने देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले आजादी के महानायकों और संविधान निर्माताओं के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करते हुए उन्हें भावपूर्ण श्रद्घांजलि दी.

राज्यपाल ने सभी को गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आज ही के दिन 1950 में हमारा गौरवशाली संविधान अस्तित्व में आया था जिसमें हमें मौलिक अधिकार देने के साथ ही हमारे कर्तव्य भी निर्धारित किए गए हैं.

 

उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम केवल अधिकारों की बात न कर, अपनी क्षमताओं और योग्यताओं के अनुसार राष्ट्र निर्माण तथा समाज की उन्नति के लिए अपने कर्तव्यों का गंभीरता से निर्वहन करें.

ध्वजारोहण के पश्चात राज्यपाल ने राजभवन परिसर में कॉफी गार्डन एवं स्पाइस गार्डन विकसित करने के लिए हल्दी, अदरक, अजवाईन, छोटी इलायची, बड़ी इलायची, तेजपत्ता, दालचीनी तथा लौंग आदि के पौधों का रोपण भी किया.   

मुख्यमंत्री आवास बीजापुर हाउस में भी ध्वजारोहण किया गया जिसमें मुख्यमंत्री रावत सहित, आवास में तैनात सभी सुरक्षाकर्मियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की.
ध्वजारोहण के बाद दिये अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे संविधान और विकास यात्रा से तमाम देश प्रेरणा ग्रहण करते हैं और हम स्वयं को उस गण के लिए समर्पित करें, जिसके लिए हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने प्राण तक न्यौछावर कर दिए.
   
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने 15 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावों में जनता की भागीदारी को संसदीय लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक बताया और कहा कि लोकतंत्र के इस महायज्ञ में सबको आहूति डालनी चाहिए.

भाषा


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