उत्तराखंड : जमीन फर्जीवाड़े में हरक के खिलाफ SIT की जांच शुरू
कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल होने वाले राज्य के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की घेराबंदी के लिए एसआईटी ने काम शुरू कर दिया है.
(फाइल फोटो) |
एसआईटी प्रभारी व आईजी संजय गुंज्याल के मुताबिक, अभी शिकायत की जांच हो रही है.
राष्ट्रपति शासन में शंकरपुर जमीन में फर्जीवाड़े को लेकर हरक सिंह के खिलाफ आई शिकायत को जांचने का जिम्मा सरकार ने एसआईटी को दिया है. इसी कड़ी में बुधवार को एसआईटी ने एक अधिकारी को विकासनगर भी भूमि से संबंधित पत्रावलियां जांचने के लिए भी भेजा था.
मामला सहसपुर के शंकरपुर की एक जमीन से संबंधित है. रावत सरकार को हटाकर लगे राष्ट्रपति शासन के बीच 18 अप्रैल को जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं पूर्व दर्जाधारी राज्यमंत्री रघुनाथ सिंह नेगी ने शंकरपुर जमीन फर्जीवाड़े में पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत पर गंभीर आरोप लगाए थे.
बताया गया था कि साल 2002 में तत्कालीन राजस्व मंत्री हरक सिंह रावत ने पद का दुरुपयोग कर शंकरपुर में सुशीला रानी नाम की महिला की लगभग 107 बीघा भूमि फर्जी पावर आफ अटार्नी के जरिए अपने नाम करवा ली थी. शिकायत में आरोप है कि हरक ने फर्जी पावर ऑफ अटार्नी बनाकर अपने रिश्तेदारों के नाम करा दी.
एसआईटी प्रभारी संजय गुंज्याल का कहना है कि शंकरपुर जमीन फर्जीवाड़े को लेकर आई शिकायत की अभी जांच नहीं चल रही है. फिलहाल शिकायत का परीक्षण कराया जा रहा है कि उसमें कितनी सच्चाई है. यदि उसमें इस तरह के सबूत मिलते हैं तो आगे की कार्रवाई की जाएगी.
इस मामले में पूर्व मंत्री हरक सिंह का कहना है कि उनके खिलाफ सहसपुर भूमि मामले की एसआईटी जांच पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है. बदले की भावना से सीएम हरीश रावत कार्रवाई कर रहे हैं. भूमि से संबंधित तमाम दस्तावेज उनके पक्ष में है.
Tweet |