मुख्यमंत्री हरीश रावत के दखल के बाद यूपी ने उत्तराखंड की 92 बसों को छोड़ा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत के दखल के बाद तीन दिनों से उत्तर प्रदेश में रोकी गई यूटीसी की 92 बसों को छोड़ दिया गया.
Harish Rawat (file photo) |
दोनों राज्यों के परिवहन निगमों के बीच बसों के संचालन को लेकर विवाद चला आ रहा है. यूपी के बरेली व अन्य जनपदों में उत्तराखंड रोडवेज बसों का चालान किया गया तो देहरादून में भी आरटीओ ने यूपी रोडवेज की बसों का चालान करना शुरु कर दिया.
लगातार बढ़ते विवाद के बाद उच्च स्तर पर हुए हस्तक्षेप के बाद यूपी के अधिकारियों ने बसों को छोड़ा.
यूपी में बीते 10 सितंबर को उत्तराखंड की रोडवेज बसों का चालान काटकर उन्हें विभिन्न थानों में खड़ा कराया गया. इसके बाद उत्तराखंड में भी यूपी की रोडवेज बसों का चालान काटा गया व बसों को बिना परमिट चलने पर सीज कर दिया गया.
इस मामले में उत्तराखंड रोडवेज इम्पलाइज यूनियन व राज्य निगम कर्मचारी महासंघ ने मुख्यमंत्री हरीश रावत से भेंट कर हस्तक्षेप की मांग की.
यूनियन के महामंत्री रवि पचौरी ने बताया कि शनिवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत की उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से इस विषय में वार्ता हुयी. इसके बाद यूपी में चालान के बाद खड़ी की गयी उत्तराखंड रोडवेज की 92 बसों को यूपी ने छोड़ दिया.
उत्तराखंड के परिवहन मंत्री सुरेन्द्र राकेश व मुख्य सचिव सुभाष कुमार, प्रमुख सचिव परिवहन एस रामास्वामी व यूटीसी के प्रबंध निदेशक बृजेश संत ने भी यूपी के आलाधिकारियों से संपर्क किया.
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री हरीश रावत ने यूपी रोडवेज से बसों के संचालन को लेकर 2009 में किए गए समझौते का ब्लू प्रिंट मांगा है. दोनों राज्यों के बीच संचालन का लेकर उपजे विवाद का हल परिवहन समझौता लागू करने के बाद ही किया जा सकता है.
Tweet |