अखिलेश नहीं, तो कौन होगा विधानसभा में नेता विपक्ष?
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को पराजय के बाद मुख्यमंत्री पद तो छोड़ना ही पड़ा है, मगर वह अब विधानसभा में नेता विपक्ष भी नहीं बन सकेंगे.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (फाइल फोटो) |
इस पद पर अखिलेश को पार्टी के जीते किसी विधायक का चयन करना होगा. ऐसा उनके विधानसभा का सदस्य नहीं होने के कारण होगा. वह अभी विधानपरिषद के सदस्य हैं.
राज्य में वर्ष 2012 में सपा की सरकार बनने के समय भी अखिलेश लोकसभा के सदस्य थे. उस समय उन्हें मुख्यमंत्री बनने पर विधानपरिषद का सदस्य बनना पड़ा. उसी समय उन्होंने कन्नौज लोकसभा सीट से इस्तीफा दिया. वहां से बाद में उनकी पत्नी डिम्पल यादव सांसद चुनी गयीं.
राज्य में अब सत्ता परिवर्तन हो गया है. अब विधानसभा में सपा भाजपा के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है. ऐसे में सदन में नेता विपक्ष का पद सपा को मिलेगा.
इतना ही नहीं विधानसभा में लोकलेखा समिति के सदस्य का पद भी सपा के खाते में आयेगा. ये दोनों ही पद कैबिनेट मंत्री की सुविधा वाले होते हैं.
सूत्रों की मानें तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को विधानसभा सदन में पार्टी के जीते विधायकों में से ही दोनों पदों पर नियुक्ति करनी होगी.
ऐसे में माना जा रहा है कि बदले हालात में मुख्यमंत्री नेता विपक्ष का पद अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव को दे सकते हैं.
यदि ऐसा नहीं हुआ, तो फिर नेता विपक्ष की कुर्सी आजम खां के पाले में आ सकती है.
| Tweet |