'साइकिल' पर तकरार, अब EC में ही थमेगी मुलायम-अखिलेश की 'रार'!

Last Updated 08 Jan 2017 10:01:24 AM IST

समाजवादी पार्टी में छिड़ी \'जंग\' के बाद जारी बैठकों और मुलाकातों के दौर के बावजूद सुलह के सारे रास्ते अब बंद नजर आ रहे हैं.


'साइकिल' पर तकरार, अब EC में ही थमेगी 'रार'!

सूत्रों के मुताबिक नेताओं की मुलायम-अखिलेश के बीच सुलह की सारी कोशिशें विफल हो चुकी हैं और अब सपा में टूट तय है.

इस बीच अखिलेश खेमे ने शनिवार को चुनाव आयोग में अपने दस्तावेज सौंप दिये हैं. इसके साथ ही साफ हो गया है कि अखिलेश खेमा अब मुलायम सिंह खेमे से किसी तरह की सुलह की उम्मीद छोड़ चुका है.

वहीं आज (रविवार) मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव लखनऊ में समाजवादी पार्टी के दफ्तर पहुंचे. इस दफ्तर पर अखिलेश गुट ने कब्जा कर लिया था. मुलायम और शिवपाल रविवार को दिल्ली पहुंच रहे हैं. उधर, अमर सिंह शनिवार को ही दिल्ली पहुंच चुके हैं.

इससे लगता है कि पिता-पुत्र की सियासी रार अब चुनाव आयोग की चौखट पर ही किसी फैसले पह पहुंचेगी. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव छोड़ने को तैयार न होने पर शुक्रवार को बड़े नेताओं की मुलायम के साथ दिनभर चली पंचायत का नतीजा सिफर रहा.

हालांकि शुक्रवार को सुलह-समझौते के लिए कई दौर की चली बातचीत के विफल होने के लिए राज्यसभा सदस्य अमर सिंह की मुलायम के यहां मौजूदगी को जिम्मेदार ठहराया गया था. मगर शनिवार को ऐसा नहीं था. अमर सिंह ने मुलायम से दूरी बनायी. ऐसे में मो. आजम खां फिर सक्रिय हुए. शिवपाल सिंह यादव भी मुलायम के घर आये. तीनों में करीब दो घण्टे से ज्यादा बात हुई. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय, राज्यसभा सदस्य संजय सेठ, अम्बिका चौधरी, नारद राय, शादाब फातिमा भी मुलायम के घर में आते-जाते रहे.

माता प्रसाद पाण्डेय और संजय सेठ ने मुलायम से मिलने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की. समझा जाता है इन नेताओं ने पिता का संदेश पुत्र अखिलेश को दिया.

सूत्रों की मानें तो मुलायम, आजम और शिवपाल के बीच हुई बातचीत में सुलह के अधिकांश फार्मूले पर बात बन गयी थी. अपराह्न 3.30 बजे मुलायम के घर से निकले अम्बिका चौधरी ने मीडिया से कहा, ‘सबकुछ ठीक हो जाएगा. पार्टी एकजुट रहेगी’.

इसके बाद भी देर शाम तक दोनों पक्षों समझौते की कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई. इस बीच अखिलेश खेमे के प्रमुख नेता प्रो. रामगोपाल यादव ने देर शाम दिल्ली में चुनाव आयोग को समाजवादी पार्टी के करीब 4500 प्रतिनिधियों के हलफनामे सौंप दिये. इन पत्रों की की प्रतियों की संख्या कई लाख बतायी जा रही हैं. इसके साथ ही अखिलेश खेमे ने आयोग में समाजवादी पार्टी और निशान साइकिल को अपने पक्ष में करने का दावा ठोंक दिया है.

उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी में 5731 प्रतिनिधि हैं. इनमें से 4500 अखिलेश यादव के साथ हैं. इनके साथ ही 226 में से 205 एमएलए, 56 एमएलसी, 24 सांसदों में से 15 एमपी अखिलेश के साथ हैं.

सूत्रों के मुताबिक प्रो. रामगोपाल यादव के चुनाव आयोग में मुलाकात करने के बाद ही सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने भी रविवार की सुबह दिल्ली जाने का फैसला लिया है. मुलायम के साथ शिवपाल, अम्बिका चौधरी व अन्य नेता भी जाएंगे.

चुनाव आयोग ने दोनों ही पक्षों को 9 जनवरी को अपना पक्ष रखने के लिए समय दिया है. आयोग उसी दिन सुनवाई करेगा. जानकारों का कहना है कि ऐसे में फिलहाल अखिलेश खेमे से जो दस्तावेज आयोग में दिये गये हैं उनसे उनका पलड़ा भारी दिखता है. संभव है समाजवादी पार्टी का नाम और चुनाव निशान फंसता देख दोनों पक्ष आयोग में ही सुलह कर लें.

 

समयलाइव डेस्क


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