उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि संभल कोई विवाद का विषय नहीं, बल्कि एक सच्चाई है और इस सत्य को छुपाने वाले लोगों को उनके 'पाप' की सजा जरूर मिलेगी।

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मुख्यमंत्री ने संभल में 659 करोड़ रुपये की 222 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद अपने सम्बोधन में कहा कि संभल आस्था का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि हरि और हर यानी विष्णु और शिव का जहां सामूहिक रूप से दर्शन हो सकता हो, वही हरिहर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पावन ग्रंथों में माना गया है कि भगवान विष्णु का दसवां अवतार इसी संभल में होगा, मगर कुछ लोगों को यह विवादित विषय लगता है।
उन्होंने किसी का नाम लिये बगैर विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘कुछ लोगों को यह विवादित विषय लगता होगा, क्योंकि जिनकी पृष्ठभूमि ही विवादित है, जिनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि ही उनकी विरासत है, उन्हें हिंदू परंपरा में विवाद नजर आता है... लेकिन यह विवाद का विषय नहीं हो सकता।’’
आदित्यनाथ ने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण, स्कंद पुराण और विष्णु महापुराण में भी संभल का जिक्र मिलता है। यह पुराण 'चिल्ला चिल्ला कर' इस बात का उल्लेख कर रहे हैं कि भगवान विष्णु का दसवां अवतार कल्कि के रूप में संभल में ही होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘स्कंद पुराण में इस बारे में कहा गया है कि संभल नगर भागीरथी गंगा और रामगंगा के मध्य में 36 किलोमीटर के दायरे में स्थित है। श्रीमद् भागवत पुराण में भी इस बात का उल्लेख किया गया है कि चंद्रमा, सूर्य और बृहस्पति तीनों ग्रह जब पुष्य नक्षत्र के प्रथम चरण में एक साथ प्रवेश करेंगे तभी सतयुग का प्रारंभ होगा और श्री कल्कि श्री विष्णु के अवतार के रूप में आएंगे।’’
मुख्यमंत्री ने किसी का नाम लिये बगैर कहा, ''अब जिसके पास दृष्टि न हो उसके बारे में हम क्या कह सकते हैं। संभल एक सच्चाई है। इस सच्चाई का उल्लेख हमारे ग्रंथ करते हैं। यहां 68 तीर्थ थे और 19 पावन कूप थे। परिक्रमा का मार्ग था.... सब कुछ था। कैसे विदेशी आक्रांताओं ने बार-बार अत्याचारों से इन तीर्थों को नष्ट किया, अपवित्र किया, तीर्थों और कूपों पर कब्जे हो गए, मार्ग तोड़ दिए गए, 284 कोसी के परिक्रमा मार्ग को बाधित किया गया। इसका परिणाम यह हुआ कि सच को छुपाने का कुत्सित प्रयास किया गया।’’
उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा, ‘‘आजादी के बाद संभल के साथ क्या नहीं हुआ। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने कौन-कौन से पाप नहीं किये। कांग्रेस यहां सामूहिक हत्या करवाती थी और समाजवादी पार्टी उनके चेलों के रूप में उनके पाप पर पर्दा डालने का काम करती थी। आजादी के बाद यहां तो कत्लेआम हुए थे, क्योंकि अगर यह सच्चाई सामने आ जाती तो उनको वोट बैंक खिसकने का भय था।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जिन लोगों ने संभल के साथ पाप किया था उनको उनके पाप की सजा मिलेगी। जिन लोगों ने संभल को विकास से वंचित किया था, उनको इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। जो लोग संभल को दंगाग्रस्त बनाते थे, जो सनातन धर्म के इन पवित्र स्थलों को अपवित्र करते थे, उन्हें इसकी कीमत तो चुकानी ही पड़ेगी और इसी का आश्वासन देने के लिए आज मुझे संभल आना पड़ा है।’’
आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘हम संभल जैसी सच्चाई को छुपाने की कुत्सित चेष्टा करने वालों के गलत मंसूबों को ध्वस्त करने का काम करेंगे और जो भारत और भारतीयता तथा विरासत को कलंकित करने का कार्य करेंगे, हम उन्हें ऐसा सबक सिखाएंगे कि उनकी आने वाली पीढ़ियां याद करेंगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने तय किया है कि वह संभल के सभी 68 तीर्थों, 19 कूपों तथा परिक्रमा मार्ग के पुनरुद्धार का कार्य कराएगी। यह हमारा नैतिक कर्तव्य भी है, क्योंकि विकास तभी सार्थक होता है जब हम विरासत के साथ जुड़ते हैं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘संभल की सच्चाई को आज डबल इंजन की सरकार देश और दुनिया के सामने लाई है। हमारे पास शास्त्रीय प्रमाण भी हैं और पुरातात्विक प्रमाण भी। हमारे पास बताने के लिए सब कुछ है।’’
उन्होंने काशी विश्वनाथ कॉरीडोर और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘अगर काशी और अयोध्या में पुनरुद्धार कार्य हो सकता है तो संभल में क्यों नहीं? भगवान कल्कि और हरिहर के इस पावन धाम का पुनरुद्धार का कार्य क्यों नहीं हो सकता। इसी के लिए आज सरकार आपके पास आई है।’’
इसके पूर्व, प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी ने अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री से संभल का नाम बदलने की मांग की और कहा कि मुख्यमंत्री स्थानीय जनभावनाओं के अनुरूप संभल का जो भी नाम बेहतर लगे, वह रख दें।
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