Ayodhya Deepotsav 2024: अयोध्या में दिवाली, एक साथ जले 25 लाख से अधिक दीए
Ayodhya Deepotsav 2024: राम लला की नगरी अयोध्या में दीपावली की पूर्व संध्या पर भक्ति, दिव्यता व भव्यता का अनूठा संगम दिखाई दिया।
अयोध्या में दिवाली, एक साथ जले 25 लाख से अधिक दीए |
अयोध्या ने एक बार फिर इतिहास रचा । अयोध्या नगरी व सरयू नदी एक साथ दो विश्व कीर्तिमानों की साक्षी बनी। दीपोत्सव में पहली बार 25,12, 585 दीपक एक साथ जगमगाये तो साथ ही मुख्यमंत्री योगी व केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत सहित 1121 से अधिक संतों व श्रद्धालुओं ने सरयू महा आरती में सरयू का वन्दन कर विश्व कीर्तिमान बनाया।
अयोध्या में श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद हुए पहले दीपोत्सव में समूची अयोध्या भव्यता व दिव्यता के सहस्त्रों रंगों से सरोबार थी। हालांकि अयोध्या में यह आठवां दीपोत्सव रहा लेकिन अयोध्या में श्री राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह के बाद यह पहला दीपोत्सव समारोह था।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बुधवार को सरयू नदी की राम की पैड़ी सहित अयोध्या के 55 घाटों पर 25 लाख से अधिक दीये प्रज्वलित कर सातवां गिनीज र्वल्ड रिकॉर्ड बनाया। इस साल एक और विश्व रिकॉर्ड बनाया गया, जिसमें 1121 बटुक और संतों ने एक साथ सरयू के घाट पर महा आरती कर सरयू का वन्दन किया।
केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीये प्रज्ज्वलित कर दीपोत्सव का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम की पैड़ी पर भगवान राम, लक्ष्मण और सीता तथा हनुमान की भूमिका निभा रहे कलाकारों की आरती की और उनके माथे पर ‘तिलक’ लगाया।
दीपावली से एक दिन पूर्व बुधवार सुबह से ही अयोध्या में आध्यात्मिकता, संस्कृति और परंपरा का जीवंत मिशण्रदेखा गया। साकेत महाविद्यालय से शोभा यात्रा का आयोजन किया गया जिसमें रामायण के सात अध्यायों पर आधारित दिव्य झांकियां थी।
यात्रा में 6 देशों और 16 भारतीय राज्यों के कलाकारों ने भाग लिया। विभिन्न राज्यों के कलाकारों ने पारंपरिक लोक नृत्यों के माध्यम से अपनी अनूठी संस्कृतियों का प्रदशर्न किया। दीपोत्सव के लिए पूरी अयोध्या रंग बिरंगी लाइटों से जगमगा रही थी।
मुख्य कार्यक्रम स्थल पर लाइट एंड साउंड शो व ड्रोन शो के साथ साथ देश विदेश के कलाकारों ने रामलीला व सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का भव्य मंचन किया। इस ऐतिहासिक व अलौकिक दीपोत्सव का साक्षी बनने के लिए श्रद्धालुओं का अपार सैलाब सरयू तट पर उमड़ा था, धरती से आकाश तक चहुंओर भगवान राम की लीलाओं के दृश्य देख सभी रामभक्त अभिभूत थे।
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