UP: अपराध और अपराधियों के प्रति CM योगी की Zero टॉलरेंस की नीति

Last Updated 15 Jan 2024 04:11:03 PM IST

योगी सरकार सत्ता में आने के बाद से ही कानून व्यवस्था को सर्वोपरि रखती आई है। माफिया, गुंडों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के चलते प्रदेश में अपराधियों की रूह कांपती है।


2017 में पहली बार सत्ता संभालने के बाद से सीएम योगी ने राज्य में कानून का शासन बहाल करने के लिए माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाया। जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने अपराध का नेटवर्क स्थापित किया था और पिछली सरकारों के दौरान अपराधियों ने राजनीतिक संरक्षण का आनंद लिया था। योगी आदित्यनाथ अपराधियों पर काल बनकर टूट पड़े। उन्होंने हमेशा अपराध पर अपनी कार्रवाई को अपने शासन की प्रमुख अनिवार्यता के रूप में रेखांकित किया है।

राज्य में बेहतर कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में कई बड़े कदम उठाए। यूपी में क्राइम और करप्शन की रोकथाम के लिए पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू की गई। राज्य में बेहतर कानून व्यवस्था बनाने के लिए यूपी में सबसे पहले 13 जनवरी 2020 को लखनऊ और दिल्ली से सटे नोएडा में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की गई। लखनऊ में एडीजी(ADG) सुजीत पांडे और नोएडा में एडीजी(ADG) आलोक सिंह  को कमान सौपी गई।

वहीं बात करें दिल्ली से सटे गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट की जहां दिल्ली, हरियाणा और यूपी पुलिस के लिए परेशानी रहे कुख्यात अपराधी अनिल दुजाना, अमित कसाना सहित राजनेताओं और सत्ता में अपनी मजबूत पकड़ रखने वाला सुंदर भाटी भी शामिल है। सुंदर भाटी का ख़ौफ केवल दिल्ली-एनसीआर में ही नहीं पूरे पश्चिम उत्तर प्रदेश में माना जाता है। कहा जाता था कि सुंदर भाटी के ऊपर कई ऐसे बड़े नेताओं का आशीर्वाद प्राप्त है। सुंदर भाटी पर 62 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।

ग्रेटर नोएडा और नोएडा जो पहले भूमिया और कुख्यात अपराधियों का गढ़ माना जाता था, ADG आलोक सिंह के कमिश्नर के रूप में कार्यभार संभालने पर 6 महीने में सभी अपराधी कार्ड तैयार किया। एडीजी आलोक सिंह ने कुख्यात अपराधियों को 'दांतो तले चने चबाना' शुरू कर दिया और पुलिस कमिश्नरेट द्वारा किए गए ताबड़तोड़ दबिश, मुकदमों में तुरंत कार्रवाई और एक्शन से पूरे गैंग को काफी हद तक खत्म कर दिया गया।

इसके साथ ही साथ अपराधियों की आर्थिक सहायता करने वालों के खिलाफ भी पुलिस ने अभियान चलाकर अपराधियों की आर्थिक कमर तोड़ने का भी काम किया। उनकी अवैध रूप से अर्जित की गई 500-1000 करोड़ों की संपत्ति को जब्त किया गया।

वही सुंदर भाटी हाल ही में गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय ने हरेंद्र प्रधान हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उसके बाद से वह जेल में है। वर्तमान में सुंदर सोनभद्र की जिला जेल में बंद है।

वर्ष 1995 बेच  के आईपीएस अधिकारी आलोक सिंह पहले पुलिस कमिश्नर नियुक्त हुए जिन्होंने लगभग 3 साल तक पुलिस कमिश्नरेट जीरो- टॉलरेंस  नीति पर शानदार तरीके से चलाया।

बता दें कि आलोक सिंह मूल रूप से अलीगढ़ के रहने वाले हैं, वह डीजीपी के सिल्वर और गोल्ड डिस्क से सम्मानित है। उन्होंने इटली और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पुलिस ट्रेनिंग भी ली है, इसके अलावा सोनभद्र मे जिले में नक्सली क्षेत्र में अच्छा काम करने पर उन्हें राष्ट्रपति का वीरता पदक दिया गया। वहीं गौतम बुद्ध नगर कमिश्नरेट में प्रमोशन होकर वह कानपुर में एडीजी जोन के पद पर तैनात है।

वहीं गौतम बुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट को 4 साल पूरे हो गए हैं। पहले पुलिस कमिश्नर रहे आलोक सिंह के बाद अब मौजूद पुलिस कमिश्नर IPS लक्ष्मी सिंह ने गौतम बुद्ध नगर में रहकर कई रिकॉर्ड अपने नाम की है।
 

समय लाइव डेस्क
नई दिल्ली


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