क्या गुड्डू मुस्लिम नहीं मिलेगा?
गुड्डू मुस्लिम की तलाश में प्रयागराज की पुलिस एक जगह से दूसरी जगह भाग रही है। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में हुई हत्या के बाद, अब पुलिस यह पता लगाने की कोशिश में है कि आखिर उन दोनों माफियाओं की हत्या में किसका हाथ था? क्योंकि पकडे गए तीनों हत्यारों की हैसियत इस लायक नहीं है कि वो उस हत्या में इस्तेमाल किये गए पिस्टल को खरीद पाते।
![]() गुड्डू मुस्लिम |
इतना तो तय है कि वह पिस्टल उन हत्यारों को उसी व्यक्ति ने उपलब्ध कराई होगी, जिसने हत्या करवाने के लिए उनको हायर किया होगा।
पुलिस के लिए अपराधियों से असली बात कबूल करवाना कोई मुश्किल काम नहीं है। खास करके ऐसे अपराधियों की, जिन्होंने अतीक और अशरफ की हत्या की थी। क्योंकि वो तीनों लड़के ना तो किसी बड़े गैंग के हैं और ना ही खुद बड़े बदमाश हैं। उन दोनों की हत्या की साजिस रचने वाले व्यक्ति के बारे में अगर पुलिस अब तक कोई खुलासा नहीं कर पा रही है तो इसका सीधा मतलब यह है कि पुलिस या तो बताना नहीं चाहती है,या फिर पुलिस पर भी कोई न कोई दबाव है। यह सबको पता है कि अतीक ने अवैध तरीके से अरबों रुपयों की कमाई की थी। उसने उन पैसों को प्रयागराज के कुछ कारोबारियों को व्यवसाय करने के लिए दिया था, ताकि उसकी काली कमाई सफ़ेद भी होती रहे और बढ़ती भी रहे।
अतीक की सारी काली कमाई का हिसाब गुड्डू मुस्लिम ही रखता था। ईडी ने कुछ जानकारी मिलने पर प्रयागराज के एक बड़े कारोबारी संजीव अग्रवाल के निवास पर छापे की कार्यवाई भी की थी, जिसके दौरान कई करोड़ की बेनामी सम्पतियों की जानकारी मिली थी। ऐसा माना जा रहा है की गुड्डू मुस्लिम ने ही अतीक और अशरफ की हत्या करवाई है। साम्राज्य कायम करने के लिए ऐसा करना संभव है। क्योंकि वर्षों पहले ऐसा ही कुछ अतीक ने भी किया था। अतीक ने भी तक़रीबन 35 साल पहले अपने गुरु चाँद बाबा की हत्या करवा दी थी, वह भी सिर्फ इसलिए ताकि उसकी राह में आगे से कोई रोड़ा उत्पन्न न हो। गुड्डू मुस्लिम ऐसा कर सकता है। क्योंकि उसे इतना तो समझ में आ ही गया था कि अब अतीक, पुलिस की चंगुल से छूटने वाला नहीं है।
यहां बता दें कि जब चाँद बाबा की हत्या अतीक ने करवाई थी, तब चाँद बाबा न तो पुलिस की कस्टडी में था और ना ही वह कभी विधायक या सांसद रहा। यहां मामला दूसरा है। अतीक पुलिस कस्टडी में था। अतीक कई बार विधायक और सांसद भी रह चुका था। उसके साथ पुलिस की अच्छी खासी टीम थी,जो हथियारों से लैस थी। ऐसे में गुड्डू मुस्लिम ने अकेले ही उस हत्या काण्ड को अंजाम दिलवाया हो, संभव नहीं लगता। जिस तरह से उन लड़कों ने अतीक और अशरफ की हत्या की थी, उसे देखकर ऐसा लगता है कि इस मामले में कहीं न कहीं किसी पुलिस वाले का भी हाथ है। एक बात और साफ़ है कि जिस पुलिस वाले का भी इसमें हाथ होगा वह कोई कांस्टेबल या दरोगा तो बिलकुल नहीं होगा। वह कोई न कोई बड़ा ही अधिकारी होगा।
अब सवाल पैदा होता है कि एक पुलिस के बड़े अधिकारी को कौन मैनेज कर सकता है। कोई सफ़ेदपोश या कोई बड़ा कारोबारी, जो अतीक के सभी पैसों को हड़पना चाहता हो। संभव है कि कुछ ऐसे लोग भी शामिल हो सकते हैं, जिन्हे डर हो की, कहीं अतीक उनके बारे में कुछ बोल ना दे, क्योंकि अतीक से लाभान्वित होने वालों लोगों की एक लम्बी चौड़ी फेहरिस्त है। ऐसे लोगों में नेता, कारोबारी, पुलिस या प्रशासन के बड़े अधिकारी भी शामिल हो सकते है। अगर अतीक और अशरफ की हत्या मामले में इतने बड़े लोगों के शामिल होने की सुचना सही हुई तो यह मान लीजिए कि गुड्डू मुस्लिम और हत्यारोपी तीनों लड़के एक न एक दिन मरे हुए मिलेंगे। चाहे उनकी मौत का कारण कुछ भी बनाया जाय।
| Tweet![]() |