हाथरस के पांच बार के विधायक रहे रामवीर उपाध्याय का निधन, सीएम योगी समेत कई नेताओं ने जताया शोक

Last Updated 03 Sep 2022 12:30:16 PM IST

उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता रामवीर उपाध्याय का देर रात आगरा में निधन हो गया।


रामवीर उपाध्याय (फाइल फोटो)

वह लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे। रामवीर उपाध्याय के निधन से हाथरस और आसपास के क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने शोक जताया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने राज्य सरकार के पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने उपाध्याय के निधन पर शोक जताते हुए ट्विटर पर लिखा, "यूपी सरकार के पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय जी के आकस्मिक निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। ईश्वर उनकी आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा शोक संतृप्त परिवार एवं समर्थकों को इस असीम दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।"

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भपेंद्र चौधरी ने ट्विटर पर लिखा, "भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय जी के आकस्मिक निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं परिजनों व समर्थकों को इस अपार दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ओम् शांति!"

ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश के हाथरस की सियासत के पर्याय समझे जाने वाले रामवीर उपाध्याय आखिर मौत से हार गए। लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे उपाध्याय को हालत बिगड़ने पर आगरा स्थित आवास से देर रात आगरा के रेनबो अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

लगभग 64 वर्षीय रामवीर उपाध्याय मायावती की सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए थे। लगभग 25 साल तक हाथरस की विभिन्न विधानसभा सीटों से विधायक रहने वाले रामवीर उपाध्याय की गिनती कद्दावर नेताओं में होती थी। उनकी पत्नी सीमा उपाध्याय जिला पंचायत हाथरस की अध्यक्ष हैं। वह परिवार में एक बेटा और दो बेटियां छोड़ गए हैं। रामवीर उपाध्याय के भाई रामेश्वर ब्लॉक प्रमुख हैं। उनके एक और भाई मुकुल उपाध्याय पूर्व विधायक हैं।

प्रदेश के पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय बसपा की सरकार में चिकित्सा शिक्षा और परिवहन मंत्री भी रहे थे। उनका आगरा से गहरा जुड़ाव रहा। ब्राह्मण समाज में उनकी खासी पकड़ थी। वर्ष 2009 में उन्होंने पत्नी सीमा उपाध्याय को आगरा की फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा। वह राज बब्बर को हराकर चुनाव जीती थीं।

मूलरूप से सादाबाद निवासी रामवीर उपाध्याय ने बसपा सरकार के दौरान ही आगरा को अपनी कर्मभूमि बना लिया था। बसपा के कद्दावर नेता माने जाने उपाध्याय का पार्टी से वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मोहभंग हो गया था। उनकी पत्नी सीमा उपाध्याय और भाई मुकुल उपाध्याय पहले ही भाजपा का दामन थाम चुके थे। विधानसभा चुनाव से पहले उनके पुत्र चिराग भी आगरा में ही भाजपा में शामिल हो गए। हाल के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें सादाबाद से चुनाव मैदान में उतारा था, लेकिन वह जीत नहीं सके।

आईएएनएस
लखनऊ


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