योगी ने पेश की यूपी की भावी रूपरेखा
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नीति आयोग की बैठक में उत्तर प्रदेश की भावी रूपरेखा पेश की।
![]() उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ |
उन्होंने कहा, सरकार उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 80 लाख करोड़ रुपए (एक ट्रिलियन यूएस डॉलर) तक पहुंचाने में लगी है। इस चुनौतीपूर्ण लक्ष्य की प्राप्ति के लिए राज्य सरकार योजनाबद्ध कार्य कर रही है। इसके लिए प्रदेश की आधारभूत संरचना को विश्वस्तरीय और सुदृढ़ बनाया जा रहा है। राज्य में प्रभावी सुशासन, कौशल विकास, तीव्र निर्णय लेने की प्रक्रिया तथा लक्षित नीतियां व नियम इस दिशा में उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं।
योगी ने विकास कार्यों और उपलब्धियों को गिनाया
मुख्यमंत्री ने रविवार को यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की सातवीं बैठक में अपनी बात रखते हुए गत पांच वर्ष में राज्य में किए गए विकास कार्यों और उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने कहा, सरकार द्वारा किसानों को विभिन्न योजनाओं का प्रभावी और सुचारू ढंग से लाभ दिलाने के लिए डिजिटल एग्रीकल्चर ढांचे को सुदृढ़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश में डिजिटलाइज्ड कृषक डेटाबेस के अंतर्गत तीन करोड़ कृषक पंजीकृत हैं।
विगत पांच वर्ष में इन किसानों को 3.5 लाख करोड़ रु पए वितरित किए गए हैं। डिजिटलाइज्ड कृषक डेटाबेस विकसित कर डीबीटी के माध्यम से अनुदान वितरित करने वाला उत्तर प्रदेश देश का अग्रणी राज्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा, प्रदेश में विशिष्ट कृषि उत्पादों के लिए ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ स्थापित किए गए हैं। संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2023 में ‘इंटरेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स’ मनाए जाने के क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा व्यापक तैयारी प्रारंभ कर दी गई है। ज्वार, बाजरा तथा गन्ने के साथ इंटरक्रॉपिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा
उन्होंने कहा, प्रदेश सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए चरणबद्ध रूप में कार्यवाही की जा रही है। बुंदेलखंड क्षेत्र के सात जनपदों में गो-आधारित खेती योजना स्वीकृत की गई है। इसके अंतर्गत इस क्षेत्र के प्रत्येक विकास खंड में 500 हेक्टेयर में गो-आधारित खेती का लक्ष्य है। साथ ही, नमामि गंगे योजना के अंतर्गत गंगा जी के तट पर पड़ने वाले 105 विकास खंडों में गो-आधारित खेती का कार्य प्रस्तावित है।
रोजगार सृजन में वृद्धि पर चर्चा
योगी ने कहा, 2025 तक उत्तर प्रदेश को 80 लाख करोड़ रुपए की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए हमारे शहरों को निवेश आकर्षित करते हुए रोजगार सृजन में वृद्धि कर ग्रोथ इंजिन के रूप में आगे आना होगा। शहरी विकास को ग्रोथ इंजन बनने के साथ-साथ आवास/स्लम, जलापूर्ति तथा सॉलिड वेस्ट प्रबंधन, वायु गुणवत्ता/प्रदूषण, आजीविका तथा सार्वजनिक यातायात की चुनौतियों से निपटना भी होगा।
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