कानपुर हिंसा में आतंकी कनेक्शन एटीएस ने शुरू की जांच

Last Updated 06 Jun 2022 01:33:53 AM IST

परेड नई सड़क में हुई हिंसा में आतंकी कनेक्शन की आशंका के मद्देनजर एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वॉयड) ने जांच शुरू कर दी है।


कानपुर हिंसा

रविवार को एटीएस चीफ नवीन अरोड़ा ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में कमांडो के साथ गश्त की। शुरुआती जांच में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की भूमिका सामने आयी है और मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी के इस संगठन से जुड़े होने के साक्ष्य मिले हैं। पुलिस के मुताबिक हयात के घर से पीएफआई से जुड़ी संस्थाओं की फंडिंग से जुड़े दस्तावेज और आपत्तिजनक प्रकाशन सामग्री बरामद हुई है। उसी के बाद जांच एजेंसियां अलर्ट मोड पर आ गयी हैं। एडीजी एटीएस ने नगर में डेरा डाल दिया है। आईपीएस अजय पाल के साथ उन्होंने आरोपियों व कई अन्य संदिग्धों के बैंक अकाउंट्स की बारीकी से छानबीन की। पता लगाया जा रहा है कि संस्था की फंडिंग के सोर्स क्या थे और हिंसा के साजिशकर्ता कौन-कौन थे।
एटीएस के एडीजी नवीन अरोड़ा रविवार सुबह कानपुर आये और सबसे पहले सद्भावना चौकी पर पहुंचे। उन्होंने अपने कमांडो की टीम के साथ हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में गश्त की। इस दौरान स्थानीय पुलिस को दूर रखा गया। जांच एजेंसियों को एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी के घर पर छापेमारी के दौरान एआईआईसी, आरआईएफ, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया, एसडीपीआई, कैंपस फ्रंट आफ इंडिया संस्था से संबंधित आपत्तिजनक प्रकाशन सामग्री मिली थी। पीएफआई इन चारों संस्थाओं को फंडिंग करती है। शहर में कुछ नापाक मंसूबे वाले लोगों ने भी आर्थिक मदद की है, इसकी जांच में पुष्टि हुई है। पुलिस आयुक्त ने बताया कि ऐसे लोगों की सूची तैयार की जा रही है।
कानपुर में आईएसआई के करीब दर्जनभर से ज्यादा एजेंट पूर्व में पकड़े जा चुके हैं। आतंकियों के स्लीपिंग मॉडय़ूल भी सक्रिय हैं। आतंकी सैफुल्ला का लखनऊ में एनकाउंटर और जेल भेजे गए आतंकी डॉक्टर बम उर्फ जलीस अंसारी के भी इरादे बेहद खतरनाक थे। एटीएस ने एयरपोर्ट के पास से आतंकी कमरुज्जमां और स्लीपिंग मॉडय़ूल को पकड़ा था। रविवार को अचानक एटीएस की चहलकदमी से यह संभावना जतायी जा रही है कि एजेंसी जल्द ही किसी बड़ी साजिश को बेनकाब करेगी। लखनऊ से गिरफ्तार अलकायदा समर्थित अंसार गजवातुल हिंद संगठन के दो आतंकियों मसीरुद्दीन और मिनहाज का भी कानपुर कनेक्शन मिला था। इनका हैंडलर पाकिस्तान में बैठा था। सूत्रों के मुताबिक कानपुर सहित यूपी के कई शहरों में युवाओं को भी आतंकी संगठनों से जोड़ा गया था।

भारतीय सेना को बदलना पड़ा था कोड

कानपुर को महफूज मानने वाले और यहां पनाह लेने वाले आतंकियों व उनसे जुड़े लोगों की कमर तोड़ने के लिए एटीएस ने तैयारी कर ली है। करीब दो दशक पूर्व चकेरी के सुजातगंज इलाके से एटीएस ने पाकिस्तानी सेना के हवलदार आतंकी जफर बंगाली को गिरफ्तार किया था। जांच में यह सामने आया था कि जफर बंगाली ने एक सेना के अधिकारी को नशीली गोलियां देकर सेना के सीक्रेट कोड को चुरा लिये थे, जिसके बाद सेना को अपने कोडर्वड बदलने पड़ गए थे। एटीएस-चीफ नवीन अरोड़ा ने जांच एजेंसियों के साथ गोपनीय बैठक की। इस दौरान कई महत्वपूर्ण बिंदुओं व जांच की लाइनों पर गहन चर्चा की और रणनीति तैयार की गयी।

सहारा न्यूज ब्यूरो
कानपुर


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