सरयू नहर परियोजना लोकार्पण: PM मोदी का बिना नाम लिए अखिलेश पर तंज, कहा- कुछ लोगों की प्राथमिकता फीता काटना

Last Updated 11 Dec 2021 03:00:07 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज युपी के बलरामपुर में सरयू मुख्य नहर राष्ट्रीय परियोजना का किया लोकार्पण किया। पीएम मोदी ने पांच नदियों और नौ जनपदों को जोड़ने वाली इस राष्ट्रीय परियोजना को राष्ट्र को समर्पित किया।


मोदी ने किया ‘सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना’ राष्ट्र को समर्पित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना को राष्ट्र को समर्पित की, जो 14 लाख हेक्टेयर से अधिक खेतों भूमि को सिंचाई के लिये पानी मिलेगा और क्षेत्र के लगभग 29 लाख किसान लाभान्वित होंगे।

सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के निर्माण की कुल लागत 9800 करोड़ रुपये से अधिक है, जिसमें से 4600 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान पिछले चार वर्षों में किया गया। परियोजना में पांच नदियों – घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा और रोहिणी को आपस में जोड़ने का भी प्रावधान किया गया है, ताकि क्षेत्र के लिये जल संसाधन का समुचित उपयोग सुनिश्चित हो सके।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उप्र के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य उपस्थित थे।


अखिलेश पर तंज- कुछ लोगों की प्राथमिकता फीता काटना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधा और कहा जब मैं दिल्ली से आ रहा था तो सोच रहा था कि अभी कोई कहेगा कि इसका फीता तो उसने ही काट दिया था तो मैं उनसे कहना चाहूंगा कि उनका काम फीता काटना है और हमारा परियोजनाओं को पूरा करना है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरयू नहर परियोजना में जितना काम 5 दशक में हो पाया था, उससे ज्यादा काम हमने 5 साल से पहले करके दिखाया है। यही डबल इंजन की सरकार है। यही डबल इंजन की सरकार के काम की रफ्तार है।

मोदी ने कहा कि पहले की सरकार माफियाओं को संरक्षण देती थी। अब उनके ऊपर बुलडोजर चल रहा है। पहले महिलाएं घर से बाहर निकलने से पहले सौ बार सोचती थीं पर अब अपराधी अपराध करने से पहले सौ बार सोचता है। अब अपराधी जेल में दुबक कर रहता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार महिलाओं के लिए काम कर रही है। यही कारण है कि पीएम आवास योजना के तहत दिये जाने वाले घर महिलाओं के नाम पर दिए गए हैं। उनके लिए शौचालय बनाए, घरों में बिजली कनेक्शन दिया और रसोई गैस दी।

उन्होंने कहा कि यह बेहद दुखद है कि देश के धन, समय और संसाधनों का दुरुपयोग होता है। 50 साल पहले शुरू हुई इस योजना की लागत 100 करोड़ रुपये थी पर आज पूरा होने तक 10 हजार करोड़ की लागत हो गई है। ये व्यर्थ हुआ धन और समय जनता का है। पहले की सरकारों की लापरवाही के कारण इस परियोजना की लागत 100 गुना ज्यादा बढ़ गई है।

मोदी ने कहा कि इस परियोजना से किसानों के खेतों की प्यास बुझेगी और हमारी संस्कृति में कहा भी जाता है कि अगर किसी प्यासे को पानी पिला दिया तो बड़ा पुण्य होता है। यह परियोजना किसानों की बड़ी जरूरत को पूरा करेगी। यह दिखाता है कि अगर सरकार की सोच ईमानदार हो तो काम दमदार होता है।

कहा कि जब भी हम अयोध्या में राम मंदिर की बात करेंगे, बलरामपुर रियासत (पूर्ववर्ती) के महाराजा पटेश्वरी प्रसाद सिंह साहब के योगदान का उल्लेख किया जाएगा। साथ ही पीएम ने कहा कि बलरामपुर के लोग पारखी हैं, उन्होंने नानाजी देशमुख और अटल बिहारी वाजपेयी के रूप में 2 भारत रत्न दिए हैं।

इस परियोजना से 14 लाख हेक्टेयर से अधिक खेतों की सिंचाई के लिये पानी मिलेगा तथा पूर्वी उत्तरप्रदेश के 6200 से अधिक गांवों के लगभग 29 लाख किसानों को लाभ पहुंचेगा। पूर्वी उत्तरप्रदेश के नौ जिलों – बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोण्डा, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संत कबीर नगर, गोरखपुर और महाराजगंज को इसका लाभ मिलेगा।

एक सरकारी बयान के अनुसार वर्ष 1978 में परियोजना पर काम शुरू हो गया था, लेकिन बजटीय समर्थन की निरंतरता, अंतर-विभागीय समन्वय और समुचित निगरानी के अभाव में, परियोजना टलती गई तथा लगभग चार दशक बीत जाने के बाद भी पूरी नहीं हो सकी थी। किसान कल्याण और उनके सशक्तिकरण तथा राष्ट्रीय महत्त्व के लंबे समय से टलती आ रही है, परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने के प्रधानमंत्री के नजरिये की बदौलत इस परियोजना पर आवश्यक ध्यान दिया गया।

बयान के अनुसार 2016 में, इस परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि संचयी योजना में शामिल किया गया और इसे समयबद्ध तरीके से पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। इस प्रयास में, नई नहरों के निर्माण के लिये नये सिरे से भूमि अधिग्रहण करने तथा परियोजना की खामियों को दूर करने के लिये नये समाधान किये गये। साथ ही पहले जो भूमि अधिग्रहण किया गया था, उससे सम्बंधित लंबित मुकदमों को निपटाया गया। नये सिरे से ध्यान देने के कारण परियोजना लगभग चार वर्षों में ही पूरी कर ली गई।

क्षेत्र के किसान, जो परियोजना में अत्यधिक देरी की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान में थे, अब उन्नत सिंचाई क्षमता से उन्हें बहुत फायदा पहुंचेगा। अब वे बड़े पैमाने पर फसल की पैदावार कर सकेंगे और क्षेत्र की कृषि क्षमता को बढ़ाने में समर्थ होंगे।


 

भाषा/आईएएनएस
बलरामपुर


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