निलंबित अधिकारी बतायें, किसके दवाब में किया अमानवीय कृत्य: अखिलेश

Last Updated 04 Oct 2020 01:22:16 AM IST

समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि हाथरस काण्ड में अपना कृत्य छुपाने के लिए योगी सरकार ने कुछ अधिकारियों को हटा दिया है लेकिन न्याय की मांग है कि उन पर एफआईआर भी दर्ज हो ताकि यह सच उगलवाया जा सके कि किसके दबाव में उन्होंने आतंक फैलाया।


समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव

श्री यादव ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि भाजपा सरकार की लीपापोती नीति के विरूद्ध प्रदेश में जनाक्रोश थम नहीं रहा है। इससे डर कर सरकार ने कुछ अधिकारियों को हटा दिया लेकिन यह पता करना चाहिये कि जिला प्रशासन ने रात में परम्परा के विपरीत दलित नवयुवती का शव क्यों जला दिया और पीड़ित परिवार को बंधक बनाकर क्यों रखा। मीडिया व विपक्षी सांसदों तक से क्यों र्दुव्‍यवहार किया गया। उन्हें पीड़िता के परिवार से क्यों नहीं मिलने दिया।
उन्होने कहा कि गांधी जयंती पर हाथरस की बेटी के लिए लखनऊ हजरतगंज स्थित जीपीओ पार्क में गांधी प्रतिमा पर मौन व्रत रखकर बैठने जा रहे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं एवं विधायकों को गिरफ्तार कर और कार्यकर्ताओं पर बर्बरता से लाठीचार्ज कर भाजपा सरकार ने सत्य की आवाज हिंसक तरीके से दबाई है। महिलाओं को गिरफ्तारी से पूर्व सड़क पर गिराकर घसीटा गया, उनके कपड़े फाड़े गए और अपमानित किया गया। यह कृत्य निन्दनीय है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि महोबा-हाथरस की घटनाओं से लगता है प्रदेश में डीएम-एसपी के नए गैंग को जन्म दे दिया है। अपराधी और पुलिस का भी गठबंधन होने लगा है। मुख्यमंत्री का उन पर कोई नियांण नहीं रह गया है। ऐसे में कानून प्रिय जनता कहां न्याय के लिए जाए। बदले की भावना से सरकारी नीतियां निर्धारित होने से विपक्ष विशेषकर समाजवादी पार्टी के नेताओं का उत्पीड़न हो रहा है। उन्हें फर्जी मुकदमों में फंसाया जा रहा है। गम्भीर धाराएं लगाकर जेल भेजा जा रहा है। लोकतां में ऐसा आचरण असंवैधानिक है।
श्री यादव ने कहा कि भाजपा की राज्य सरकार ने हाथरस की दलित बेटी की जिंदगी बर्बाद करने वालों पर उतनी सख्ती नहीं दिखाई जितनी वह पीड़िता के परिवार वालों पर कर रही है। दलित बेटी को मरने पर भी सम्मान से अंतिम संस्कार का हक प्रशासन ने नहीं दिया। इसकी निंदा विपक्ष ही नहीं भाजपा के शीर्ष नेताओं ने भी किया है। यह ऐसा अमानवीय कृत्य है जिसे कोई भी सभ्य समाज मान्यता नहीं देगा। न्यायालय, मानवाधिकार आयोग, महिला आयोग सबने हाथरस काण्ड में उसकी भूमिका पर सवाल उठाए हैं।
उन्होने कहा कि भाजपा सरकार अगर यह समझती है कि अपने सत्तामद के बल प्रयोग से वह न्याय की आवाज कुचल देगी तो यह उसका बड़ा भ्रम है।

 

वार्ता
लखनऊ


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