संगम नगरी प्रयागराज में गंगा-यमुना का रौद्र रूप, हजारों बेघर

Last Updated 19 Sep 2019 01:57:32 PM IST

उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में रुक-रुक कर हो रही बारिश के बीच संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों में आयी बाढ़ से 150 से अधिक गांव जलमग्न है और हजारों लोग अपना घर द्वार छोड़ कर सुरक्षित स्थानो की ओर पलायन कर गये हैं।


आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि राजस्थान और मध्य प्रदेश के बंधों से छोड़े गए पानी से दोनों नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। गंगा फाफामऊ में खतरे के निशान 84.73 मीटर से 35 सेमी ऊपर 85.08 मीटर पर बह रही हैं जबकि नैनी में यमुना लाल निशान को पार कर 85.00 मीटर पर बह रही हैं। रसूलाबाद श्मशान घाट पानी में डूब जाने के कारण वहां अंतिम संस्कार कर्म बाधित है हालांकि बाढ़ के कारण दारागंज में सड़क पर चितायें सजायी जा रही है।

बांधों और बैराजों से पिछले दिनों छोड़े गये लगभग 38 लाख क्यूसेक पानी का असर दोनों नदियों में दिखाई पड़ने लगा है। नदियों ने रौद्र रूप धारण कर हजारों एकड़ खड़ी फसल को अपनी चपेट में ले लिया है और हजारों लोग बेघर हो गये हैं।

शहर के राजापुर, नेवादा, कछार, बेली, मऊ सरैया, नींवा कछार, द्रौपदी घाट, शंकर घाट, रसूलाबाद, शिवकुटी, चिल्ला, सलोरी, बघाड़ा, सदियाबाद, दारागंज करेली, करैलाबाद और जे के आशियान समेत 35 मुहल्ले और करीब 150 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। शहर में 10 और देहात में एक बाड़ राहत शिविर खोला गया है जिसमें बुधवार रात तक तीन हजार बाढ़ पीड़ित शरण ले चुके हैं।

तटीय क्षेत्रों में बसे मठ-मंदिरों में भी पानी घुस गया है। बाढ़ के कारण झूंसी स्थित टीकरमाफी आश्रम, रामलोचन आश्रम के वेद विद्यालयों में पानी भर गया। कैलाश टेकरी आश्रम, गंगोली शिवाला, योगानंनद आश्रम और प्रभुदत्त ब्रह़्मचारी आदि के आश्रम में भी पानी भर गया है।

सूत्रों ने बताया कि 15 हजार से अधिक मकान बाढ़ की चपेट में हैं। कछारी इलाकों को पूरी तरह से खाली कराने के निर्देश दिए गये। जिला प्रशासन ने टीमें गठित कर राहत कार्य तेज कर दिया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और जल पुलिस की कई टीमें लगाई गयी हैं। 

बाढ़ में फंसे लोगों को राहत शिविरों तक पहुंचाने के लिए प्रशासन ने जिले भर में 50 से अधिक नाव चलाई गईं।

दोनों नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए मछुआरों की नावों पर रोक लगा दी गयी है। ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। बचाव कार्य के लिए दो कंपनी फ़्लड पीएसी की और मांग की गयी है। बुधवार को पुलिस अधिकारियों ने संगम क्षेत्र में तैनात पुलिस, पीएसी और गोताखोरो को आवश्यक निर्देश दिये।

उन्होंने कहा कि रात में केवल रेस्क्यू टीम ही नाव से निगरानी रखेगी। किसी तरह से दूसरी नाव चलती है तो उसे तत्काल जब्त कर लिया जाएगा।

प्रभारी जल पुलिस कड़ेदीन ने बताया कि नागवासुकी से संगम तक 42वीं बटालियन पीएसी, नागवासुकी से शिवकुटी तक एनडीआरएफ शिवकुटी से धूमनगंज तक पीएसी के जवानों को मोटरबोट के साथ तैनात किया गया है।

वार्ता
प्रयागराज


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