सोनभद्र कांड : डीएम और एसपी हटाए गए

Last Updated 05 Aug 2019 06:57:50 AM IST

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र जिले के उम्भा गांव में विवादित जमीन को लेकर पिछले महीने हुए सामूहिक कत्लेआम के मामले में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को हटाते हुए प्रकरण से जुड़े कई अफसरों और कर्मचारियों पर मुकदमे दर्ज करने के आदेश दिए।


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (file photo)

मुख्यमंत्री ने रविवार का यहां संवाददाताओं को बताया कि सोनभद्र मामले में राजस्व विभाग की अपर मुख्य सचिव और वाराणसी जोन के अपर पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में गठित अलग-अलग समितियों की मिली रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करते हुए सोनभद्र के जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल और पुलिस अधीक्षक सलमान जफर ताज पाटिल को हटाते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि इसके साथ ही 17 दिसम्बर 1955 को इस जमीन को आदर्श कृषि सहकारी समिति के नाम गलत तरीके से अंतरित करने का आदेश पारित करने वाले तत्कालीन तहसीलदार कृष्ण मालवीय, अगर जीवित हैं तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा वर्ष 1989 में रार्बट्सगंज के तत्कालीन परगनाधिकारी अशोक कुमार श्रीवास्तव और तहसीलदार जयचंद सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। योगी ने बताया कि वर्ष 1989 में गलत तरीके से सोसाइटी के नाम दर्ज जमीन को अपने नाम से दर्ज कराने के मामले में आईएएस अफसर प्रभात कुमार मिश्रा की पत्नी आशा मिश्रा और आईएएस अधिकारी भानुप्रताप शर्मा की पत्नी विनीता शर्मा उर्फ किरन कुमारी के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई शुरू की गई है। आदर्श कृषि सहकारी समिति के जीवित सदस्यों पर ग्राम सभा की जमीन हड़पने के आरोप में भारतीय दण्ड विधान की सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा तत्कालीन उपजिलाधिकारी घोरावल, घोरावल के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक, तत्कालीन क्षेत्राधिकारी समेत इस विवाद से जुड़े सभी घटनाक्रमों से संबंधित ऐसे अफसरों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि सोनभद्र के सहायक अभिलेख अधिकारी राजकुमार को निलम्बित कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा घोरावल के उपजिलाधिकारी विजय प्रकाश तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा। साथ ही पूर्व में निलम्बित घोरावल के पुलिस क्षेत्राधिकारी अभिषेक सिंह, उपनिरीक्षक लल्लन प्रसाद यादव, निरीक्षक अर¨वद मिश्र और बीट आरक्षी सत्यजीत यादव के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। योगी ने बताया कि अदालत के समुचित आदेश के बिना विवादित जमीन को खाली कराने के लिए ग्राम प्रधान यज्ञदत्त भोटिया के पक्ष से एक लाख 42 हजार रुपए जमा कराने पर तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार दीक्षित के खिलाफ विभागीय कार्रवाई और मुकदमा दर्ज करने और कृषि सहकारी समितियां-वाराणसी के सहायक निबन्धक विजय कुमार अग्रवाल को निलम्बित करते हुए मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि घोरावल के पुलिस क्षेत्राधिकारी विवेकानंद तिवारी, अभिषेक कुमार सिंह, राहुल मिश्र, निरीक्षक मूलचंद चौरसिया, आशीष कुमार सिंह, शिव कुमार मिश्र, पदमकांत तिवारी, मुख्य आरक्षी सुधाकर यादव, कन्हैया यादव और आरक्षी प्रमोद प्रताप के खिलाफ पक्षपातपूर्ण निरोधात्मक कार्रवाई करने के आरोप में विभागीय कार्यवाही करने के आदेश दिए गए हैं। मुकदमे दर्ज कर इस पूरे मामले की जांच एसआईटी करेगी। एसआईटी की अध्यक्षता उप महानिरीक्षक-एसआईटी जे. रवीन्द्र गौड़ करेंगे। एसआईटी में अपर पुलिस अधीक्षक अमृता मिश्रा और तीन पुलिस इंस्पेक्टर भी शामिल होंगे। एसआईटी के महानिदेशक आरपी सिंह इस टीम के काम की निगरानी करेंगे।
उन्होंने बताया कि तत्कालीन तहसीलदार रार्बट्सगंज द्वारा 17 दिसम्बर 1955 को पारित आदेश के बाद उससे सम्बन्धित सभी कार्यवाहियों को ‘अविधिक‘ घोषित करते हुए पूरी जमीन ग्रामसभा में नियमानुसार निर्धारित प्रक्रिया के तहत दर्ज होने के बाद ग्रामीणों को नियमानुसार कृषि कार्य के लिए पट्टे पर दिए जाने के आदेश भी दिए गए हैं।

भाषा
लखनऊ


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