कांग्रेस और भाजपा के लिये नाक का सवाल बनी अमेठी

Last Updated 11 Mar 2019 04:31:12 PM IST

केन्द्र की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है लेकिन लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान होने के साथ ही कांग्रेस के किले के तौर पर विख्यात अमेठी इस बार देश की सबसे पुरानी पार्टी के साथ ही भाजपा के लिये भी नाक का सवाल बन चुकी है।




कांग्रेस और भाजपा के लिये अमेठी नाक का सवाल

केंद्र की सत्ता की राह आसान बनाने वाले इस राज्य की अमेठी सीट पर दशकों से कांग्रेस एकछात्र राज करती आयी है। पिछले लोकसभा चुनाव में हालांकि मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने कड़ी टक्कर दी थी। पिछले चुनाव में भाजपा ने छोटे पर्दे पर बहू के किरदार से चर्चित हुयी स्मृति को श्री गांधी के खिलाफ मैदान में उतारा था। वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) के नेता रहे डॉ. कुमार विश्वास और बसपा से धम्रेंद्र भी मैदान में थे।

कांग्रेस के किले में सेंध लगाने की असफल कोशिश करने वाली भाजपा ने पिछले पांच साल के कार्यकाल के दौरान इस क्षेत्र में अपना दखल बनाये रखा है। केन्द्र के नरेन्द्र मोदी मंत्रिमंडल की अहम सदस्य स्मृति ने कांग्रेस अध्यक्ष के संसदीय क्षेत्र का इस दौरान कई बार दौरा किया और जनसभाओं के माध्यम से स्थानीय लोगों के दिलों में जगह बनाने की कोशिश की। उधर केन्द्र सरकार ने भी अमेठी के विकास से संबधित योजनाओं के क्रियान्वयन में कोई कोताही नहीं बरती।



सुश्री ईरानी जब-जब अमेठी आयीं, उनके निशाने पर राहुल गांधी रहे। श्री गांधी पर क्षेत्र की समस्यायों की अनदेखी का आरोप लगाने के साथ उन्होंने भाजपा सरकार की विकास परियोजनाओं का भी खुलकर जिक्र किया। चुनाव तारीखों की उद्घोषणा से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने भी अमेठी का दौरा कर कई परियोजनाओं का जीर्णोद्धार और लोकार्पण किया और कांग्रेस अध्यक्ष पर जमकर प्रहार किये।

वार्ता
अमेठी


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