निकाय चुनाव के दूसरे चरण में 52 प्रतिशत मतदान

Last Updated 26 Nov 2017 06:53:44 PM IST

उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव के दूसरे चरण में 25 जिलों में करीब 52 फीसदी मतदान हुआ जो वर्ष 2012 की तुलना में करीब आठ प्रतिशत अधिक है.




(फाईल फोटो)

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी, केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के संसदीय क्षेत्र लखनऊ तथा समाजवादी पार्टी (सपा) संस्थापक मुलायम सिंह यादव के पैतृक शहर इटावा समेत अन्य इलाकों में कड़ी सुरक्षा के बीच लोगों ने कतारबद्ध होकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इस दौरान कई मतदान केन्द्रों पर मतदाता सूची से नाम गायब रहने और फर्जी वोटिंग के नाम पर विरोध के साथ सुरक्षा बलों के साथ धक्का मुक्की हुयी जबकि इक्का दुक्का क्षेत्रो में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के खराब होने के कारण मतदान कुछ समय के लिये प्रभावित हुआ.

जिला निर्वाचन कार्यालय आयुक्त एस के अग्रवाल ने बताया कि दूसरे चरण में एक करोड़ 29 लाख मतदाताओं में से औसतन 52 फीसद ने वोट डाले. लखनऊ में करीब 34.2 फीसदी, फरूखाबाद में 68.88 फीसदी, बलिया में 60.26 फीसदी, अलीगढ़ में 47, मैनपुरी में 60 प्रतिशत और वाराणसी में 44 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले.

उन्होने कहा कि नगर निकाय में वर्ष 2012 में हुये मतदान की तुलना में इस बार करीब आठ फीसदी की बढोत्तरी दर्ज की गयी. वर्ष 2012 में मतदान का प्रतिशत 43.67 था.
महानगरों में अपेक्षाकृत मतदान के प्रति लोगों ने कम रूचि दिखायी हालांकि अन्य क्षेत्रो में लोगों ने मतदान में बढचढ कर हिस्सा लिया. इलाहाबाद में पिछली बार 27.2 लोगों ने वोट डाले थे जो इस बार बढकर 30 से 32 प्रतिशत हो गया. लखनऊ में हालांकि विशेष परिवर्तन नही दिखायी पडा.

पूर्व केन्द्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद कलराज मिश्र और पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह मतदाता सूची में गड़बड़ी के कारण मताधिकार का प्रयोग किये नहीं कर सके. देवरिया के सांसद मिश्र राजधानी लखनऊ में महानगर विस्तार स्थित एक पोलिंग बूथ पर वोट डालने पहुंचे मगर मतदाता सूची में नाम न होने के कारण उन्हे बगैर वोट डाले लौटना पड़ा. इसके बाद वह रायबरेली चले गए.

उधर, पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह भी आज मतदान से वंचित रहे. सिंह गोमतीनगर विस्तार में रिवर व्यू के एक अपार्टमेंट में रहते हैं. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने रिवर व्यू अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों के नाम नगर निगम को नहीं सौंपा था, जिसकी वजह से उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं शामिल हुआ.


     
वर्ष 2014 के वाराणसी सीट से लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्तावक रहे वीरभद्र निषाद का नाम नगर निकाय चुनाव में मतदाता सूची से गायब मिला. गाजियाबाद से मिली रिपोर्ट के अनुसार पूर्व चुनाव आयुक्त कृष्णामूर्ति का नाम मतदाता सूची से गायब था. अलीगढ़ से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय लोकदल के महापौर प्रत्याशी प्रतीक चौधरी के परिवार का नाम वोटर लिस्ट से गायब मिला.

अमरोहा में फिल्म स्टार नवाजउद्दीन सिद्दकी ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. लखनऊ के अलावा गाजियाबाद और वाराणसी समेत दूसरे चरण के मतदान वाले कई अन्य इलाकों में भी मतदान सूची में गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं. कई इलाकों में लोगों ने इस बारे में खुलकर अपनी नाराजगी जतायी.

 

 

वार्ता


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