आक्सीजन की कमी से मृत्यु का मतलब जघन्य कृत्य, किसी हालत में बख्शे नहीं जाएंगे दोषी: योगी

Last Updated 12 Aug 2017 09:47:11 PM IST

गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में बच्चों की मृत्यु से आहत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा है कि आक्सीजन की कमी से मृत्यु को वह जघन्य कृत्य मानते हैं और इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

योगी ने आज शाम लखनऊ में आनन-फानन में बुलाये संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यद्यपि गोरखपुर में आक्सीजन की कमी से किसी बच्चे की मृत्यु नहीं हुई है लेकिन वह मानते हैं कि किसी मरीज की आक्सीजन की कमी से मृत्यु होने को वह जघन्य कृत्य मानते हैं.

उन्होंने स्पष्ट कहा कि मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य मामले में दोषी पाये गए हैं इसलिए उन्हें निलम्बित कर दिया गया है. उनके खिलाफ अन्य विभागीय कार्रवाई भी की जा रही है. उन्होंने मीडिया से कहा कि मामला संवेदनशील है, इसलिए सही तथ्य दिखाये या प्रकाशित किये जाएं. हालांकि, उन्होंने मामले को उठाने के लिए मीडिया के प्रति आभार भी प्रकट किया.

उन्होंने कहा कि गोरखपुर की खबरों को पढ़कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी चिंतित हुए हैं, इसीलिए उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल को यहां भेजा है.  मोदी ने आश्वस्त किया है कि धन की कमी की वजह से किसी की जान नहीं जाने दी जाएगी. उन्होंने कहा कि आंकडों का सही प्रकाशन होना चाहिए. सात अगस्त को नौ, आठ अगस्त को 12, नौ अगस्त को नौ, दस अगस्त को 23 और 11 अगस्त को सात बच्चों की मृत्यु हुई है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलाधिकारी को मजिस्ट्रेटियल जांच कराने के आदेश दिये गए थे. जांच रिपोर्ट देर रात तक आ जाएगी. उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में भी जांच कमेटी गठित की गई है. यह कमेटी एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी.

उन्होंने कहा कि आक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने पर सप्लायर की भूमिका की जांच की जाएगी, क्योंकि इमरजेंसी सेवाओं में और विकास कार्यों में व्यवधान नहीं आना चाहिए. पावली तीन दिन से अधिक कहीं नहीं रुकनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी आक्सीजन के सप्लायर की भूमिका की जांच करेगी. अखिलेश यादव सरकार ने 2014 में इस कम्पनी को आठ साल के कान्ट्रेक्ट पर आक्सीजन आपूर्ति का ठेका दिया था.

इस अवसर पर श्रीमती पटेल ने कहा कि घटना से प्रधानमंत्री दु:खी हैं. प्रधानमंत्री ने विशेष रुप से उन्हें भेजा है. मुख्यमंत्री ने इस विषय पर आपात बैठक बुलाकर घटनाओं की सिलसिलेवार जानकारी दी है. केन्द्र को भी रिपोर्ट भेजी जा रही है.



स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने 2014 से 2017 तक अगस्त में होने वाली मौतों का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया और बताने की कोशिश की कि अगस्त में औसतन इतनी मृत्यु हो ही जाती है. उनका दावा था कि आक्सीजन की कमी से कोई मृत्यु नहीं हुई लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि 10 अगस्त को शाम 7.30 बजे से लिक्विड आक्सीजन की आपूर्ति का प्रेशर कम था और 11.30 बजे से 1.30 बजे तक आपूर्ति बाधित रही.

चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टण्डन ने बताया कि पांच अगस्त को दो करोड़ रुपये मेडिकल कालेज भेजा गया था. आपूर्तिकर्ता का मात्र 68 लाख 65 हजार 596 रुपये बकाया था. प्रधानाचार्य ने भुगतान करने में देरी की. पांच अगस्त को पैसा चला गया तो 11 अगस्त को क्यों भुगतान किया गया, इसीलिए प्रधानाचार्य राजीव मिश्रा को निलम्बित किया गया. नौ अगस्त को प्रधानाचार्य भुगतान करने के पहले ऋषिकेश चले गए और वह कल लौटकर आए,इसलिए उनका निलम्बन जरुरी हो गया था.

 

 

वार्ता


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