अखिलेश का देश बचाओ- बनाओं अभियान

Last Updated 08 Aug 2017 02:55:30 PM IST

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव राज्य और केन्द्र सरकार के खिलाफ देश बचाओ -देश बनाओ आंदोलन की शुरूआत बुधवार को लखनऊ से शुरू करेंगे.


उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

इस अभियान के तहत सपा केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नीतियों के खिलाफ आंदोलन शुरू करेंगी. इसके लिये सपा ने पूरी तैयारी कर ली है कि कौन नेता किस जिले से इस अभियान के शुरूआत करेगा. सपा मुखिया ने इसके लिये अयोध्या को चुना है.
       
उत्तर प्रदेश राज्य विधानसभा चुनाव 2017 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने विरोधी दलों का लगभग सफाया कर दिया था. विधानसभा चुनाव के बाद श्री यादव पहली बार किसी बडी रैली को संबोधित करेंगे.
     
विधानसभा चुनाव में करारी हार और पारिवारिक तकरार को पीछे छोडते हुए पार्टी ने राज्य एवं केन्द्र सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करने को मन बनाया है. बुधवार को लखनऊ से पूर्व मुख्यमंत्री देश बचाओ- देश बनाओ अभियान शुरू करेंगे.

श्री यादव ने अगले महीने के अन्तिम सप्ताह में पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया है जिसमें उन्हे दुबारा राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया तय माना जा रहा है. पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में श्री यादव को पांच साल के लिये चुन सकती है.     
    
बुधवार से शुरू हो रहे देश बचाओ- देश बनाओ आंदोलन के जरिये पार्टी राज्य में बढ रहे अपराध, बेरोजगारी, महंगायी, और भ्रष्टाचार को भाजपा के खिलाफ मुद्दा बनायेगी.    
   
श्री यादव स्वतांता सेनानी और समाजवादी नेता राज बली यादव के की पुण्यतिथि के अवसर पर देश बचाओ देश बनाओं आंदोलन की शुरूआज फैजाबाद से 15 किलोमीटर दूर मांडा से करेंगे.    
   
पार्टी सूत्रो ने मंगलवार को लखनऊ में बताया कि कार्यकर्ताओं को निर्देश दिये गये है कि वे मोदी और योगी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान सरकार की कमियों को जनता के बीच पहुचायें. जनता को बतायें कि सरकार हर मोच्रे पर विफल हो रही है. प्रदेश में विकास कार्य ठप पडे है. कानून व्यवस्था का बुरा हाल है. भ्रष्टाचार और अपराध लगातार बढ रहे है. सपा को इस आंदोलन में शिक्षामित्रो का सहयोग भी मिलेगा.

विधानसभा चुनाव में पार्टी 47 सीटों पर सिमटने के बाद मुश्किल दौर से गुजर रही है. पार्टी को एक और झटका तब लगा जब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के दौरे के दिन से अब तक पार्टी के तीन विधानसभा परिषद भाजपा में शामिल हो गये है.


   
अखिलेश यादव को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में औपचारिक रूप से चुना जाना है. श्री यादव राष्ट्रीय सम्मेलन जरिये पार्टी को संगठित करने की पुरजोर कोशिश करेंगे. पार्टी से ज्यादातर शिवपाल विश्वास पात्रो को अलग थलग कर दिया गया है. कुछ नेताओं की विनीयता पार्टी के वरिष्ठ लोगों छोड़ दी गयी है.
    
पार्टी ने गत एक जनवरी को राष्ट्रीय सम्मेलन बुलाया और उसमें अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था. आगामी सितम्बर में श्री यादव को औपचारिक रूप से राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुना जायेगा. वर्ष 1992 से पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष तीन साल के लिये चुन रही थी लेकिन इस बार राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में श्री यादव कार्यकाल पांच साल के लिये होगा. इसके लिये पार्टी के संविधान में कुछ परिवर्तन किये जा रहे है.

भाषा


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