बरसाने में शुरू हुई लट्ठमार होली
जिला मथुरा में राधा के गृहनगर बरसाने में लट्ठमार होली का दौर बाकायदा शुरू हो गया है.
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अबीर-गुलाल की इन्द्र धनुषी छटाओं के बीच विश्व प्रसिद्ध बरसाना की अनूठी लट्ठमार होली देखने के लिए शुक्रवार को देश-विदेश के लाखों श्रद्धालुओं का जनसैलाब यहां उमड़ पड़ा.
पूरा नगर राधारानी के जयकारों से गुंजायमान हो उठा. बरसाने के इस अद्भुत और मनोहारी दृश्य को देख श्रद्धालुओं ने श्रीराधा-कृष्ण के शात प्रेम की तपिश को महसूस किया.
मथुरा से करीब 40 किमी दूर ब्रह्मगिरी पर्वत पर स्थित श्री राधारानी की नगरी बरसाना में शुक्रवार सुबह होते गली देश-विदेश से बड़ी तादाद में आए श्रद्धालुओं से खचा-खच भरी नजर आ रही थी.
प्रसिद्ध गायक मण्डलियों के साथ गहवर वन की परिक्रमा में ‘राधे-राधे जपो चले आएंगे बिहारी’, ‘कान्हा बरसाने में आ जइयो, बुलाय गयी राधा प्यारी’ के साथ-साथ ‘मेरो खो गयौ बाजू, बंद रसिया होरी में’ आदि भक्ति गीत एवं लोकगीतों का गुणगान करते तथा रंग-गुलाल की वष्रा करते हुए नाचते थिरकते भाव विभोर होते आगे बढ़ रहे थे. हर जगह इन्द्रधनुषी छटा के मध्य राधारानी की जय-जयकार से माहौल रंगीन नजर आ रहा था और एक दूसरे को रंग गुलाल से तरबतर कर रहे थे.
दोपहर को सैकड़ों की संख्या में रंग-बिरंगी पोषाक पहने नंदगांव के हुरियारे हाथों में ढाल लेकर नाचते-कूदते, फुदकते हुए बरसाना स्थित पीली पोखर पहुंचे. यहां बरसाना वासियों की तरफ से नंदगांव वृषभानु के जंवाई की जय के उद्घोष के जवाब में नंदगांव के हुरियारे बरसाना के लोगों के प्रति नंद के जंवाई की जय के साथ जय-जयकार कर इनका स्वागत किया.
बरसाना वासियों ने नंदगांव के हुरियारों को भांग-ठंडाई, पान आदि से जलपान कराया. इसके बाद सभी हुरियारों ने पीली पोखर में स्नान कर होली के रस भरे रसिया ‘फाग खेलन बरसाने आये है नटवर नंदकिशोर’ आदि के साथ लाडलीजी के मंदिर पहुंचे.
यहां बरसाना वासियों एवं श्रद्धालुओं ने टेसू के रंग तथा गुलाल से इन्हें तरबतर कर दिया. मन्दिर में दर्शनों के बाद बरसाना और नन्दगांव के हुरियारों का संगीत व गायन हुआ और दोनों के मध्य ब्रज की गालियों के साथ जमकर हंसी -ठिठोली हुई.
लाडली मंदिर से हास-परिहास के बाद नंदगांव के हुरियारे इठलाते, बलखाते, कूदते, छलांग लगाते हुए रंगीली गली पहुंचे, जहां सैकड़ों की संख्या में रंग-बिरंगे लहंगे ओढ़नी में सजी धजी खड़ी बरसाना की गोपिकाओं ने उन्हें घेर लिया और दनादन लाठियां बरसाना शुरू कर दिया जिनसे बचने के लिए बरसाना के हुरियारे लाठियों से ढाल के सहारे बचाव करते रहे, लेकिन फिर भी कई हुरियारे लाठियों की चपेट में आ गए.
वहीं लाखों श्रद्धालु इस होली को देख दांतों तले उंगली दबा रहे थे तो वहीं गोप-गोपिकाओं पर जमकर अबीर गुलाल बरसाते नजर आए. जिसे देख हर कोई ‘जो रंग बरस रहौ बरसाने में, वो तीन लोक में नाय’ के गीत संगीत पर जमकर थिरक रहे थे.
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