राजस्थान संकटः सीएम गहलोत ने 100 विधायक जुटा दिखाई ताकत, विक्ट्री साइन दिखा कर दिए जीत के संकेत

Last Updated 13 Jul 2020 03:21:15 PM IST

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के दावों का मुकाबला करते हुए जयपुर में अपने निवास पर शक्ति प्रदर्शन किया जिसमे पायलट द्वारा कहा गया था कि अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में है।


गहलोत ने 100 विधायक जुटा दिखाई ताकत

राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के यह दावा करने के एक दिन बाद कि राज्य में अशोक गहलोत सरकार कुछ विधायकों के उनके साथ जाने के बाद अल्पमत सरकार में बदल गई है, मुख्यमंत्री गहलोत ने सोमवार को विधायक दल की बैठक में ताकत दिखाई और मीडिया के सामने लगभग 100 विधायकों का समर्थन होने का दावा किया। गहलोत ने मीडिया के सामने सभी विधायकों की परेड करवाई।

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया को स्पष्ट रूप से कहा, "कांग्रेस पार्टी में व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।"

हालांकि, उन्होंने कहा कि पार्टी ने पायलट और उनके विधायकों के लिए अपने दरवाजे खुले रखे हैं। सुरजेवाला ने कहा, "अगर परिवार में कोई नाराज होता है, तो परिवार का मुखिया इस मुद्दे को हल करने की कोशिश करता है। तो, मैं यहां हमारी नेता सोनिया गांधी की ओर से यह सुनिश्चित करने के लिए हूं कि हमारी पार्टी एकजुट रहे।"

कांग्रेस के विधायक मुख्यमंत्री के आवास पर जुटे और विश्वास जताया कि उनकी सरकार सुरक्षित हाथों में है। मीडिया के सामने नारे लगाए गए और विक्ट्री साइन दिखाए गए।

गहलोत के साथ अन्य मंत्री भी एकजुट होकर जोर से बोले, "हम साथ हैं।"

कांग्रेस पदाधिकारियों ने बताया कि पायलट की गणना गलत साबित होती मालूम पड़ रही है और उन्होंने आनन-फानन में बयान जारी कर दावा किया है कि उनके पास 30 विधायकों का समर्थन है जो सच नहीं है। ऐसा लगता है कि उनके पास 15 विधायक ही हैं, यानी उनके पास पर्याप्त संख्या नहीं है।

कांग्रेस के सदस्यों ने कहा कि वह महीनों तक इंतजार करने के लिए तैयार नहीं थे और इसलिए उन्होंने सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की।

इस बीच, राजस्थान में कांग्रेस के दो खेमे में बंटने से उत्पन्न संकट के बीच राज्य के भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सोमवार को कहा कि गठबंधन सहयोगी आरएलपी के तीन विधायकों सहित उनके पास 74 विधानसभा सदस्य हैं, लेकिन दूसरी पार्टियों के कई विधायक भाजपा से जुड़ने को तैयार हैं। पूनिया ने कहा, "राजनीतिक संकट के कारण अनिश्चितता बनी हुई है, लेकिन एक चीज स्पष्ट है कि गठबंधन सहयोगियों सहित हम संख्या में 75 हैं और कई अन्य विधायक हमसे जुड़ने को तैयार हैं।"

उन्होंने आगे कहा कि पार्टी केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशों का पालन करेगी और राज्य में करवट लेती राजनीतिक स्थिति पर नजर रखते हुए अगले आदेश का इंतजार करेगी।

उन्होंने कहा, "हमारी रणनीति अपनी जगह है, लेकिन हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि कांग्रेस सत्ता में वापसी न करने पाए, क्योंकि वह लोगों के बीच अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है।"



पूनिया ने आगे कहा, "हम घटनाक्रम पर नजर रखेंगे, जैसे कि सचिन पायलट को समर्थन देना, मगर यह सुनिश्चित करेंगे कि कांग्रेस की सत्ता में वापसी न हो।"

उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने रविवार को घोषणा की थी कि गहलोत सरकार बहुमत खो चुकी है, क्योंकि 30 विधायक उन्हें समर्थन देने को तैयार हैं।

अटकलें चल रही हैं कि क्या पायलट मध्यप्रदेश की तर्ज पर भाजपा में शामिल होंगे या यह भी हो सकता है कि वह तीसरा मोर्चा बनाएं, जिसे भाजपा बाहर से समर्थन दे।

सूत्रों ने कहा कि भाजपा मध्यप्रदेश की राह चलने के पक्ष में नहीं है, क्योंकि खेमेबाजी शुरू हो गई थी और ज्योतिरादित्य सिंधिया को ज्यादा 'पावर' देना पड़ा था।

भाजपा नेता ने कहा, "हम इस समय ज्यादा सावधान हैं और हालात पर नजर रखेंगे और मौके का इंतजार करेंगे।"

राजस्थान की 200 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा गठबंधन के पास 75 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस गठबंधन के पास 125 विधायक हैं। कांग्रेस गठबंधन में कांग्रेस के 101, राष्ट्रीय लोक दल का 1, माकपा के 2, बीटीपी के 2 और 13 निर्दलीय शामिल हैं।
 

 

आईएएनएस
जयपुर


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