आम बजट को राजस्थान बीजेपी ने सराहा, विपक्ष ने कहा- बढ़ेगी महंगाई

Last Updated 01 Mar 2015 05:01:28 PM IST

वित्त मंत्री अरूण जेटली के बजट बीजेपी ने सराहा जबकि विपक्षी दलों ने इसे नौकरी पेशा की आशाओं को तोड़ने वाला करार दिया है.




आम बजट को विपक्ष ने कहा- बढ़ेगी महंगाई (फाइल फोटो)

मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने बजट का स्वागत करते हुए कहा कि यह बजट देश की अर्थव्यवस्था को विकास की पटरी पर तेज गति से दौड़ाने का मार्ग प्रशस्त करेगा. उन्होंने कहा कि गरीबी उन्मूलन एवं युवाओं में रोजगार सृजन के लिए बजट में ठोस प्रावधान किये गये हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहरों के जीर्णोद्घार एवं संरक्षण के तहत कुम्भलगढ़ और राजस्थान के अन्य किलों के लिए बजट में किये गये प्रावधान तथा 150 देशों के विदेशी पर्यटकों को वीजा ऑन अराइवल की सुविधा देने से प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.

उन्होंने कहा कि राजस्थान में नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर फार्मास्यूटिकल एजूकेशन एण्ड रिसर्च की स्थापना की घोषणा का लाभ फार्मेसी के विद्यार्थियों को मिलेगा.

दूसरी ओर इसकी आलोचना करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि बजट में वादे ही वादे हैं. इसे अच्छे दिनों की शुरूआत नहीं कहा जा सकता. इससे अमीर और गरीब के बीच की खाई और बढ़ेगी.

उन्होंने कहा कि अच्छे दिनों की उम्मीद लगाये बैठे आम आदमी के लिए यह बजट और निराश करने वाला साबित हुआ है. इससे महंगाई बढ़ेगी.

राजस्थान के पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. बीडी कल्ला ने बजट को महंगाई बढ़ाने वाला और गरीब विरोधी बताते हुए कहा कि बजट में मात्र 8,315 करोड़ रूपये की कर राहत दी गयी जबकि 23,380 करोड़ रूपये के नये कर लगाकर आम आदमी पर अतिरिक्त भार डाला गया है. उन्होंने कहा कि आयकर दरों में परिवर्तन ना करके सरकार ने मध्यम एवं नौकरी पेशा वर्ग की आशाओं को तोड़ दिया है.

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्‍सवादी) के राज्य सचिव मंडल, सीटू के प्रदेशाध्यक्ष रवीन्द्र शुक्ला और किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष अमरा राम ने कहा है कि बजट में नवउदारवादी अर्थशास्त्र की बेदी पर राजनीतिक तकाजो तक की बलि चढ़ा दी है.

ऐसा लगता है कि वित्तमंत्री ने अपना पूरा ध्यान देशी-विदेशी निवेश को आसान बनाने, नैगमिक घरानों के पक्ष में और राजकोषीय घाटे को कम करने पर ही केन्द्रित किया है.

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने नैगमिक घरानों को पिछले वर्षो में दि गई भारी सब्सिडी की मात्रा को बढ़ाकर करीब छह लाख करोड़ से ज्यादा कि छूट मुहैया करवाई है. जबकि सेवारत कर्मचारियों के आयकर में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है.



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