पंजाब में नदियों में जलस्तर बढ़ने से कई गांवों के जलमग्न होने के मुद्दे पर विपक्ष ने AAP सरकार को घेरा

Last Updated 19 Aug 2025 12:59:28 PM IST

पंजाब में नदियों में जलस्तर बढ़ने से कई गांवों के जलमग्न हो जाने के मुद्दे पर विपक्षी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और कांग्रेस ने राज्य की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर आरोप लगाया है कि वह लोगों की परेशानियों से ‘‘बेखबर’’ है और इसे ‘‘घोर प्रशासनिक विफलता’’ करार दिया है।


पंजाब में नदियों में जलस्तर बढ़ने से कई गांवों के जलमग्न होने के मुद्दे पर विपक्ष ने AAP सरकार को घेरा

शिअद ने भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार से बाढ़ राहत उपाय तुरंत शुरू करने की मांग की और ब्यास, सतलुज और रावी नदियों के किनारे बसे गांव और फसलों के जलमग्न होने की ओर ध्यान आकर्षित किया।

सोमवार को जारी एक बयान में, शिअद के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि ब्यास और सतलुज नदियों ने जालंधर, कपूरथला, फिरोजपुर और फाजिल्का जिलों में तबाही मचाई है।
उन्होंने कहा कि सुल्तानपुर लोधी और आसपास के इलाकों में 25 से अधिक गांव जलमग्न हो गए हैं, जबकि मांड में 20 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं।

अकाली दल के नेता ने कहा कि उझ नदी और रंजीत सागर बांध से पानी छोड़े जाने से गुरदासपुर में खेतों में लगी फसलें जलमग्न हो गई हैं। उन्होंने यह भी बताया कि डेरा बाबा नानक क्षेत्र के गांव भी प्रभावित हुए हैं।

उन्होंने बताया कि घग्गर नदी भी उफान पर है जिसके कारण पटियाला के इलाके प्रभावित हुए हैं और बाढ़ का पानी सरदूलगढ़ कस्बे में घुस गया है।

चीमा ने कहा कि पौंग और भाखड़ा बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण होशियारपुर, तलवाड़ा और हाजीपुर में बाढ़ जैसे हालात हैं। तत्काल राहत उपायों की मांग करते हुए उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘आप सरकार राज्य में उत्पन्न गंभीर स्थिति से बेखबर लग रही है।’’

चीमा ने प्रारंभिक गिरदावरी कराने (क्षति का आकलन कराने) और धान की फसल के नुकसान के साथ-साथ दुधारू पशुओं एवं घरों को हुए नुकसान के लिए किसानों को उचित मुआवजा देने की भी मांग की।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने ‘आप’ सरकार पर हमला बोलते हुए उस पर ‘‘घोर प्रशासनिक विफलता और बढ़ती मानवीय आपदा के प्रति लापरवाह रवैया अपनाने’’ का आरोप लगाया।

कांग्रेस नेता ने कहा कि होशियारपुर, कपूरथला, फाजिल्का, फिरोजपुर, गुरदासपुर और तरनतारन में स्थिति ‘‘नियंत्रण से बाहर’’ हो रही है, जहां नदियों का बढ़ता जलस्तर और टूटते तटबंध के कारण लोगों की जान, घर और फसलों को खतरा है।

बाजवा ने आरोप लगाया, ‘‘बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। बचाव के प्रयास न के बराबर हैं। त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करने के बजाय प्रशासन गायब है जिससे परेशान स्थानीय लोग अकेले ही बाढ़ के पानी से जूझने को मजबूर हैं।’’

जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण ब्यास और सतलुज में जलस्तर बढ़ने से कपूरथला, होशियारपुर, फाजिल्का, फिरोजपुर और तरनतारन जिलों के उन गांवों में स्थिति गंभीर बनी हुई है जो इन नदियों के किनारे बसे हुए हैं।

भाषा
चंडीगढ़


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