कोविड रोधी टीकों पर मुख्यमंत्री की टिप्पणी तथ्यात्मक रूप से गलत: बायोकॉन प्रमुख
बायोकॉन की संस्थापक किरण मजूमदार-शॉ ने बृहस्पतिवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की उस टिप्पणी का विरोध किया जिसमें उन्होंने कहा था कि कोविड-19 रोधी टीके राज्य के हासन जिले में दिल के दौरे से हुईं मौतों का कारण हो सकते हैं। शॉ ने कहा कि इस तरह की बातें ‘‘तथ्यात्मक रूप से गलत’’ हैं।
![]() बायोकॉन की संस्थापक किरण मजूमदार-शॉ |
सिद्धरमैया ने कहा है कि हासन जिले में हाल ही में दिल के दौरे से हुईं मौत कोविड रोधी टीकाकरण अभियान से जुड़ी हो सकती हैं। उन्होंने यह भी दावा किया था कि टीकों को ‘‘जल्दबाजी’’ में मंजूरी दी गई थी।
शॉ ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, “भारत में विकसित कोविड-19 टीकों को सुरक्षा और प्रभावकारिता के लिए वैश्विक मानकों के अनुरूप कठोर प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण ढांचे के तहत मंजूरी दी गई थी। यह कहना तथ्यात्मक रूप से गलत है कि इन टीकों को जल्दबाजी में मंजूरी दी गई थी और इससे जनता के बीच गलत सूचना फैलती है।’’
फार्मा कंपनी की कार्यकारी अध्यक्ष शॉ ने कहा, ‘‘इन टीकों ने लाखों लोगों की जान बचाई है और सभी टीकों की तरह, बहुत कम लोगों में इसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इनके विकास के पीछे विज्ञान और डेटा-संचालित प्रक्रियाओं को स्वीकार करना महत्वपूर्ण है, न कि दोषारोपण करना।’’
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा था कि पिछले महीने हासन जिले में दिल का दौरा पड़ने से 20 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और राज्य सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है।
उन्होंने ‘जयदेव इंस्टिट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च’ के निदेशक डॉ. रवींद्रनाथ की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति के गठन की घोषणा की, जो मौतों के मामलों की जांच करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य भर में युवाओं में अचानक होने वाली मौतों का अध्ययन करने और यह पता लगाने के लिए कि क्या कोविड-19 टीकों का कोई प्रतिकूल प्रभाव हो सकता है, फरवरी में भी इसी तरह का निर्देश जारी किया गया था।
सिद्धरमैया ने कहा था, ‘‘इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि कोविड रोधी टीकों को जल्दबाजी में मंजूरी देना और जनता को वितरित करना भी इन मौतों का एक कारण हो सकता है, क्योंकि हाल ही में दुनिया भर में कई अध्ययनों में संकेत मिला है कि कोविड टीके दिल के दौरे की बढ़ती संख्या का कारण हो सकते हैं।’’
बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मुख्यमंत्री के बयान को खारिज करते हुए कहा था कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के व्यापक अध्ययनों में निर्णायक रूप से साबित हुआ है कि कोरोना वायरस रोधी टीकों और अचानक होने वाली मौतों के बीच कोई संबंध नहीं है।
इसने कहा कि आईसीएमआर और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि भारत में कोविड-19 रोधी टीके सुरक्षित और प्रभावी हैं तथा इनमें गंभीर दुष्प्रभावों के मामले अत्यंत दुर्लभ हैं।
मंत्रालय ने कहा था कि अचानक हृदय संबंधी मौतें कई तरह के कारकों के कारण हो सकती हैं, जिनमें आनुवांशिकी, जीवनशैली, पहले से मौजूद बीमारियां और कोविड महामारी के बाद की जटिलताएं शामिल हैं।
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