पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने बुधवार को विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कुछ विधायकों द्वारा पेश विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। अधिकारी पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ विधानसभा परिसर के बाहर कथित रूप से "अपमानजनक और असत्य" टिप्पणी करने का आरोप है।

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बनर्जी ने कहा कि प्रस्ताव विशेषाधिकार समिति को भेज दिया गया है, जो अगले सत्र तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
विधानसभा सूत्रों ने बताया कि अगला सत्र सितंबर में होने की उम्मीद है।
विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव, अधिकारी द्वारा मीडिया को दिए गए उन कथित बयानों के जवाब में था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि मुख्यमंत्री ने सदन में अपने भाषण के दौरान पाकिस्तान की प्रशंसा की थी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायकों ने कहा कि अधिकारी ने ये टिप्पणियां सदन के बाहर कीं और इस मामले को विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव के तहत नहीं लाया जा सकता।
प्रस्ताव पर चंद्रिमा भट्टाचार्य, शोवनदेब चट्टोपाध्याय, अरूप विश्वास, इंद्रनील सेन और निर्मल घोष सहित तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ मंत्रियों और विधायकों ने हस्ताक्षर किए हैं।
मामले को समिति को सौंपने के अध्यक्ष के निर्णय के बाद विपक्षी सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।
सदन में सोमवार को उस वक्त हंगामा हुआ था जब मुख्यमंत्री ने पश्चिमी सीमा के उस पार स्थित आतंकी ठिकानों पर सैन्य हमलों के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की, लेकिन पहलगाम की घटना को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला और केंद्र पर देश के नागरिकों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहने का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सैन्य संघर्ष के दौरान भारत के पास पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को पुनः प्राप्त करने का "सुनहरा अवसर" था, लेकिन वह निर्णायक रूप से कार्रवाई करने में विफल रहा।
उन्होंने पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर घेरने की भाजपा-नीत केंद्र सरकार की कूटनीतिक दक्षता पर भी सवाल उठाया।
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