कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में मारे गए एन रामचंद्रन की बेटी आरती ने बुधवार को भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि इससे जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को कुछ तो राहत मिलेगी।
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उन्होंने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी शिविरों पर मिसाइल हमलों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भारतीय सेना और केंद्र सरकार को ‘सलाम’ किया।
आरती के पिता की आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हत्या कर दी थी। वह छुट्टियां मनाने कश्मीर गए थे।
आरती ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में यह भी कहा कि इन हमलों के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से बेहतर कोई अन्य नाम नहीं हो सकता था।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद और आतंकवादियों को इससे बेहतर कोई करारा जवाब नहीं हो सकता था, ‘जिन्होंने हमारे सामने हमारे पिता, भाइयों या पतियों को मार डाला’।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए इस अभियान को अंजाम देने वालों को सलाम। सरकार, प्रधानमंत्री और सेना के लोगों को बहुत-बहुत धन्यवाद जो इस अभियान को अंजाम दे रहे हैं और जो लगातार इसमें शामिल रहे हैं।’’
आरती ने यह भी कहा कि वह और उनका परिवार सेना के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सभी भारतीयों को इस अभियान से सुकून मिलना चाहिए। ऑपरेशन सिंदूर से हिमांशी (नरवाल) सहित सभी पीड़ित परिवारों को कुछ राहत मिलनी चाहिए।’’
हिमांशी के पति विनय नरवाल आतंकी हमले में मारे गए लोगों में से एक थे। हमले के बाद हिमांशी की एक भावुक तस्वीर ने लोगों को आतंकवादियों के प्रति गुस्से और आक्रोश से भर दिया था, जिसमें वह अपने पति के मृत शरीर के बगल में बैठी थीं और उनका चेहरा झुका हुआ था।
ज्ञात हो कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी।
भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम आतंकी हमले के दो सप्ताह बाद सख्त जवाबी कार्रवाई करते हुए मंगलवार देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किये, जिनमें आतंकवादी समूहों लश्कर-ए-तैयबा और जैश- ए- मोहम्मद के गढ़ भी शामिल हैं।
सूत्रों ने कहा कि सभी नौ ठिकानों पर हमले सफल रहे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की बारीकी से निगरानी की।
अधिकारियों ने बताया कि जिन नौ ठिकानों को निशाना बनाया गया, उनमें बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय शामिल है। ये दोनों पाकिस्तान के पंजाब में हैं।
लाहौर से थोड़ी दूरी पर स्थित मुरीदके, एक विशाल ‘मरकज़’ यानी लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का अड्डा है और बहावलपुर जैश-ए-मोहम्मद का मुख्य गढ़ है।
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