अमेरिका का देश में वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए फंडिंग करना लोकतंत्र के लिए खतरा : एनसीपी
अमेरिका की तरफ से भारत को मिलने वाली 1.82 अरब रुपए की आर्थिक मदद पर रोक लगाने के फैसले पर राजनीतिक चर्चा तेज है। इसे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी - NCP) के राष्ट्रीय प्रवक्ता आनंद पराजंपे ने लोकतंत्र के लिए खतरा बताया।
![]() एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आनंद पराजंपे |
उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से इसकी जांच कराने की अपील की।
एनसीपी प्रवक्ता ने कहा, "एलन मस्क ने 'एक्स' पर पोस्ट करके जानकारी दी कि जब भारत में चुनाव हो रहे थे, तो उस समय 21 मिलियन डॉलर भारत के विपक्षी दलों को दिए गए, ताकि मतदान में वोटों का प्रतिशत बढ़े। अगर कहीं से भी इस प्रकार की फंडिंग आई है, तो यह देश के लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से हमारी मांग है कि इसकी जांच करनी चाहिए। अगर इतनी बड़ी रकम तत्कालीन सरकार को गिराने के लिए विरोधी पार्टियों को दी गई है, तो ये बहुत ही चिंताजनक है। इन सभी की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी को करनी चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "किस पार्टी को कितना पैसा मिला, ये भारत के नागरिकों को पता होने का अधिकार है। चुनाव नतीजे बदले जाने का अगर प्रयास हुआ है, तो ये ठीक नहीं है। इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।"
कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के पड़ोसी मुल्क चीन पर दिए बयान पर एनसीपी नेता ने कहा, "पूर्वोत्तर में चीन ने आक्रमण किए। बॉर्डर पर लड़ाई के दौरान भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। हमें लगता है कि ऐसी बहुत से चीजों से सैम पित्रोदा अज्ञान हैं। कई सालों से वो यूएस में रह रहे हैं। अगर वो कांग्रेस नेताओं का ही भाषण सुनें तो हमें लगता है कि उन्हें अपना बयान बदलना पड़ेगा।"
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा ने कहा था कि "चीन से खतरे को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है। अब समय आ गया है कि हम पड़ोसी देश को पहचानें और उसका सम्मान करें।"
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