असम में 'जादुई उपचार' अब होगा गैरकानूनी, विधेयक को मिली मंजूरी
असम सरकार ने शनिवार को एक ऐसे विधेयक को मंजूरी दे दी, जो चिकित्सा के नाम पर 'जादुई उपचार' को गैरकानूनी घोषित करेगा और इस कृत्य में शामिल किसी भी व्यक्ति के लिए कठोर दंड का सुझाव देगा।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (फाइल फोटो) |
यह निर्णय शनिवार रात मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया।
मंत्रिस्तरीय परिषद ने असम उपचार (बुराइयों की रोकथाम) प्रथा विधेयक, 2024 को अपनाया लिया।
इस विधेयक का प्राथमिक लक्ष्य बहरापन, गूंगापन, अंधापन, शारीरिक विकृति और ऑटिज्म जैसी कुछ जन्मजात बीमारियों के इलाज के नाम पर जादुई उपचार को प्रतिबंधित और खत्म करना है।
सरमा ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, "यह विधेयक ऐसे उपचार पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाएगा और इलाज के नाम पर गरीबों और इसमें वंचित लोगों से पैसे वसूलकर उन्हें ठगने वाले 'चिकित्सकों' के खिलाफ कड़ी दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान होगा।"
सरमा ने कहा कि कैबिनेट ने राज्य नगरपालिका कैडर में बदलाव लागू करने का भी फैसला किया है। उन्होंने सतत विकास पर एक विशिष्ट कार्यक्रम के लिए 10 शहरों या कस्बों को चुना है।
एक राज्य-स्तरीय संचालन समिति इस अवधारणा के कार्यान्वयन की निगरानी करेगी।
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