मास्टर तारा सिंह को भारत रत्न देने की मांग : शिअद प्रमुख सुखबीर बादल
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Badal) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) की सरकार से दिग्गज नेता मास्टर तारा सिंह (Master Tara Singh) को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ (Bharat Ratna) प्रदान करने की शनिवार को मांग की।
मास्टर तारा सिंह |
बादल ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा जिसमें उन्होंने ‘‘हमारी आजादी के लिए और वर्तमान पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश समेत पश्चिमी पंजाब को भारत में बनाए रखने में तारा सिंह के योगदान को अद्वितीय और निर्णायक बताया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह सम्मान काफी पहले ही दिया जाना चाहिए था समय आ गया है कि इस गलती को सुधारकर मास्टरजी को देश का सर्वोच्च सम्मान दिया जाए...।’’
जानिए कौन थे मास्टर तारा सिंह
मास्टर तारा सिंह का जन्म रावलपिंडी के समीपवर्ती ग्राम के एक खत्री परिवार में सन् 1883 में हुआ था। वे बाल्यावस्था से ही कुशाग्रबुद्धि एवं विद्रोही प्रकृति के थे।
उन्होंने 17 वर्ष की वय में सिक्ख धर्म की दीक्षा ले ली और अपना पैतृक गृह त्यागकर गुरुद्वारे को ही आवास बना लिया।
तारा सिंह ने स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण कर अध्यापक के रूप में अपना जीवन प्रारंभ किया। एक खालसा विद्यालय के अवैतनिक हेडमास्टर हो गए पर मात्र दस रुपए मासिक में अपना निर्वाह करते थे। यह तारा सिंह का अपूर्व त्याग था।
यद्यपि बाद में धार्मिक आंदोलनों में सक्रिय रूप से भाग लेने के कारण उन्होंने अध्यापन कार्य सदा के लिए छोड़ दिया, तथापि हेडमास्टर तारा सिंह, मास्टर तारा सिंह के ही नाम से विख्यात हुए।
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