इसरो के 1 जनवरी, 2024 के अंतरिक्ष मिशन में कई चीजें पहली बार

Last Updated 01 Jan 2024 03:47:56 PM IST

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की सोमवार की रॉकेटिंग में कई चीजें पहली बार हुईं।


इनमे महिलाओं द्वारा निर्मित उपग्रह को अंतरिक्ष में ले जाना, ईंधन सेल का परीक्षण और अन्य शामिल हैं। इसके अलावा वर्ष के पहले दिन पहली बार अंतरिक्ष में सफल प्रक्षेपण क‍िया गया।

इसरो ने अपने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान-सी58 (PSLV-C58) के साथ अपने एक्स-रे पोलारिमीटर उपग्रह (एक्सपीओसैट) को 650 किमी की ऊंचाई पर सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया।

रॉकेट के चौथे चरण को शैक्षणिक संस्थानों, निजी कंपनियों और इसरो के 10 प्रायोगिक पेलोड के साथ एक कक्षीय मंच में बदल दिया गया है।

पेलोड में से एक सौर विकिरण और यूवी सूचकांक की तुलना के लिए एलबीएस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी फॉर वुमेन द्वारा निर्मित महिला इंजीनियर सैटेलाइट (डब्ल्यूईएसएटी) है।

अपनी ओर से, इसरो अपने ईंधन सेल, सिलिकॉन आधारित उच्च ऊर्जा कोशिकाओं का परीक्षण करेगा और इंटरप्लेनेटरी डस्ट काउंट माप करेगा।

इसरो के अध्यक्ष एस.सोमनाथ के अनुसार, अंतरिक्ष एजेंसी अपने ईंधन सेल का परीक्षण करेगी जो कि जब भी भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण होगा तो उसे बिजली देने का अग्रदूत साबित होगा।

अन्य पेलोड टेकमी2स्पेस, के.जे. सोमैया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, इंस्पेसिटी स्पेस लैब्स प्राइवेट लिमिटेड, ध्रुव स्पेस प्राइवेट लिमिटेड और बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (दो पेलोड) से हैं।

अपने इतिहास में पहली बार, इसरो ने एक कैलेंडर वर्ष के पहले दिन एक अंतरिक्ष मिशन को अंजाम दिया।

इससे पहले, इसरो ने अपने दो रॉकेटों - पीएसएलवी और जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) के साथ जनवरी के महीने में कुछ बार अंतरिक्ष मिशन को अंजाम दिया था, लेकिन कैलेंडर वर्ष के पहले दिन नहीं।

आईएएनएस
श्रीहरिकोटा (आंध्रप्रदेश)


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