West Bengal Foundation Day : ममता का राज्यपाल से अनुरोध, आज बंगाल का स्थापना दिवस न मनाएं, जानिए क्यों

Last Updated 20 Jun 2023 06:50:57 AM IST

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस को पत्र लिखकर आज (मंगलवार) को राजभवन में बंगाल का स्थापना दिवस नहीं मनाने का अनुरोध किया।


ममता का राज्यपाल से अनुरोध : मंगलवार को बंगाल का स्थापना दिवस न मनाएं

पत्र में में कहा गया है कि, मुख्यमंत्री ने राजभवन के अधिकारियों द्वारा मंगलवार को बंगाल का स्थापना दिवस मनाने की घोषणा पर हैरानी जताई।

ममता ने कहा, मैं यह जानकर हैरान हूं कि आपने 20.06.2023 को राजभवन में एक कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है, जिसे आपने विशेष रूप से राज्य के स्थापना दिवस के रूप में वर्णित करने के लिए चुना है।

मुख्यमंत्री ने इस पत्र में दिन में अपने और राज्यपाल के बीच एक कथित टेलीफोनिक चर्चा का भी उल्लेख किया, जहां बाद में कथित तौर पर स्वीकार किया गया कि एक विशेष दिन को पश्चिम बंगाल के स्थापना दिवस के रूप में घोषित करने का एकतरफा और गैर-निर्णायक निर्णय वारंट नहीं है।

सीएम के अनुसार, राज्य की स्थापना किसी विशेष दिन पर नहीं हुई थी। इसके विपरीत, राज्य का गठन कुख्यात रेडक्लिफ अवार्ड के माध्यम से किया गया था, जिसे औपनिवेशिक/ शाही सरकार द्वारा वैधता प्रदान की गई थी।

उन्होंने इस बात पर खास जोर दिया कि स्थापना के बाद से पश्चिम बंगाल के लोगों ने कभी भी किसी भी दिन को स्थापना दिवस के रूप में मनाया या मनाया नहीं है।

पत्र में कहा गया है, बल्कि, हमने विभाजन को सांप्रदायिक ताकतों के उकसावे के परिणामस्वरूप देखा है, जिसे उस समय रोका नहीं जा सकता था।

किस आधार पर हुआ पश्चिम बंगाल का गठन

हमेशा की तरह इस वर्ष भी 20 जून 2023 को  पश्चिम बंगाल दिवस मनाया जाएगा। यह वार्षिक स्मरणोत्सव उस दिन की याद दिलाता है, जब 1947 में बंगाल रेजीडेंसी के बंटवारे के लिए एक मीटिंग रखी गई थी। बहस का मुद्दा था बंगाल का बंटवारा किस आधार पर किया जाए? अंततः यह बंटवारा हुआ।

पश्चिम बंगाल का उदय बंगाल प्रांत से अलग एक स्वतंत्र राज्य के रूप में हुआ था। यह बंटवारा हिंदू बहुल पश्चिमी हिस्से को केंद्र में रखकर पश्चिमी बंगाल का निर्माण किया गया था।

इतिहासकारों के अनुसार बंगाल का यह विभाजन धार्मिक आधार पर हुआ था, जो बंगाल का पश्चिमी हिस्सा था, इसलिए इसका नाम पश्चिम बंगाल नाम पड़ा। इसके विपरीत पूर्वी भाग वाला बंगाल पाकिस्तान के हिस्से में गया, जिसे पूर्वी पाकिस्तान का नाम दिया गया।

साल 1971 में पाकिस्तान का विभाजन हुआ तो यही पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश के रूप में गठित हुआ।

क्यों है पश्चिम बंगाल दिवस का महत्व

भारतीय इतिहास में बंगाल का हमेशा से महत्वपूर्ण योगदान रहा है। विशेष रूप से पश्चिम बंगाल की स्थापना की बात करें तो यह इसलिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण था कि इसके गठन के लिए घंटों की बहस और विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया जा सका था।

आईएएनएस
कोलकाता


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