Maharashtra Bhushan 2022 : पुरस्कार समारोह के बाद लू लगने से 11 की मौत
यहां हुए एक विशाल समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) द्वारा सुधारक अप्पासाहेब धर्माधिकारी को 'महाराष्ट्र भूषण 2022' पुरस्कार (Maharashtra Bhushan 2022 Award)से सम्मानित किए जाने के बाद एक त्रासदी में कम से कम 11 लोगों की लू लगने से मौत हो गई और तीन दर्जन से अधिक अस्पताल में भर्ती हैं।
![]() महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नवी मुंबई के एमजीएम अस्पताल पहुंचकर वहां भर्ती श्रद्धालुओं का हाल जाना। |
रविवार को नवी मुंबई में खुले मैदान में ‘महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार समारोह (Maharashtra Bhushan Award Ceremony) के दौरान तेज धूप की चपेट में आने के बाद कम से कम 11 लोगों मौत हो गई। कार्यक्रम में लाखों लोगों ने भाग लिया था।
मुंबई के पड़ोस में स्थित रायगढ़ जिले के खारघर क्षेत्र में आयोजित समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने आध्यात्मिक नेता एवं समाज सुधारक अप्पासाहेब धर्माधिकारी (Appasaheb Dharmadhikari) को यह पुरस्कार प्रदान किया।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि नवी मुंबई और पनवेल शहर के अस्पतालों में कुछ मरीज ‘वेंटिलेटर’ पर हैं और उनकी स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने रविवार रात एक विज्ञप्ति में कहा, “तेज धूप की चपेट में आने से कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई।”
पुलिस अधिकारी ने कहा कि कुछ मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जबकि कुछ अभी भी अस्पतालों में भर्ती हैं और चिकित्सकों की देखरेख में हैं।
CMO द्वारा विज्ञप्ति जारी किए जाने से पहले शिंदे ने नवी मुंबई के एक अस्पताल के बाहर संवाददाताओं से कहा कि अस्पताल में कम से कम 50 लोगों को भर्ती कराया गया था, जिनमें से 24 अभी भी भर्ती हैं जबकि बाकी को प्राथमिक उपचार के बाद वहां से छुट्टी दे दी गई। उन्होंने इन मौतों को ‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया।
घटनास्थल के निकटतम मौसम केंद्र ने अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया।
शिंदे ने कहा कि प्रत्येक मृतक के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘इस घटना के चलते अस्पताल में भर्ती हुए लोगों को मुफ्त इलाज मुहैया किया जाएगा। राज्य सरकार उनके इलाज के लिए अपने खजाने से भुगतान करेगी।”
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि अगर मरीजों का अतिरिक्त इलाज किये जाने की जरूरत है, तो उन्हें विशेष अस्पतालों में भेजा जाए।
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